लखनऊ (संवाददाता)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज तथा डा0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या की आनलाइन समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर राजभवन सचिवालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा शासन द्वारा निर्गत दिशा निर्देशों के अनुरूप समयबद्ध एवं पारदिर्शिता के साथ चयन प्रक्रिया अपनायी जाए तथा विज्ञापन में सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया का स्पष्ट उल्लेख हो। उन्होंने निर्देश दिये कि महालेखाकार की आपत्तियों का समयबद्ध निस्तारण हो तथा लम्बित समस्त डिग्री प्रमाण-पत्रों को यथाशीघ्र विद्यार्थियों के पते पर भेजना सुनिश्चित करें साथ ही लम्बित प्रमाण-पत्रों की सूचना अपनी वेबसाइट पर भी डालें। विश्वविद्यालय में डिजिटल लॉकर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। राज्यपाल जी ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय राज्य विश्वविद्यालयों के साथ ए0एम0यू0 करके वहां पर अपने अध्ययन केन्द्र बनाएं ताकि छात्रों को सहूलियत हो सके।कुलाधिपति ने डा0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की समीक्षा करते हुए कहा कि महालेखाकार से प्राप्त आपत्तियों का समयबद्ध एवं गंभीरता के साथ निस्तारण करें। उन्होंने लम्बे समय तक अग्रिम भुगतानों का निस्तारण न होने पर कड़ी नाराजगी जताई और निर्देश दिया कि जिन कर्मियों द्वारा अब तक अग्रिम भुगतान का समायोजन नहीं कराया गया है उस धनराशि की कटौती उनके वेतन से कर ली जाए। राज्यपाल जी ने कहा कि वित्तीय नियमों का अक्षरश: पालन किया जाना चाहिए तथा हर कर्मचारी की उसके कार्य के प्रति जिम्मेदारी होनी चाहिए। लापरवाह एवं समयबद्ध तथा नियमानुसार कार्य न करने वाले कर्मियों को नोटिस दिया जाना चाहिए।
राज्यपाल ने दोनों विश्वविद्यालयों में स्थापित महिला अध्ययन केन्द्रों की समीक्षा करते हुये महिला सशक्तीकरण पर अधिक से अधिक कार्यक्रम किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि महिला जागरूकता के लिये विश्वविद्यालय गोष्ठी एवं सेमिनार आदि आयोजित करें, जिसमें नवनिर्वाचित महिला ग्राम प्रधानों को भी शामिल करते हुए उन्हें सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दें। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों को सहयोग देते हुये कुपोषित बच्चों, किशोरियो, गर्भवती महिलाओं तथा क्षय रोग ग्रसित बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य हेतु ग्राम प्रधानों को प्रेरित करें, ताकि इस प्रकार की समस्याओं से उनकी ग्राम सभा मुक्त हो सके। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने बच्चों को विभिन्न गोष्ठियों व सेमिनार में बोलने के लिये भी तैयार करें ताकि वे विभिन्न सामाजिक कुरीतियों को लोगों के समक्ष प्रभावी ढंग से रख सकें, जिससे दहेज प्रथा, लड़का-लड़की में भेद जैसी कुरीतियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि बालिकाओं को नारी निकेतन, जेल, अस्पताल आदि का भी भ्रमण कराये ताकि वे वहां के अनुभव को जानकर आने वाले समय में विभिन्न बुराइयों से बच सकें।कुलाधिपति ने दोनों विश्वविद्यालयों को निर्देश दिये कि वे अपने सभी कर्मिकों, उनके परिजनों तथा छात्रों का शत-प्रतिशत टीकाकरण करायेें साथ ही योग दिवस तथा वृहद वृक्षारोपण के लिये भी अपनी तैयारी करें। उन्होंने सुझाव दिया कि उचित होगा कि अधिक से अधिक पीपल के वृक्ष लगाये जाय।
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