Breaking News
hindu i am

पिछले तीन साल में 1986 शरणार्थियों को मिली नागरिकता

hindu i am

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि तीन साल 2016 से 2018 तक सरकार ने 391 अफगानी और 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों को भारत की नागरिकता दी गई। नित्यानंद राय ने बताया कि यह जानकारी ऑनलाइन सिस्टम के डेटा के आधार पर सामने आई है। बता दें कि नित्यानंद राय पिछले कुछ सालों में आए शरणार्थियो के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आए हिंदुओं और सिखों के बारे में पूछे गए सवाल पर नित्यानंद राय ने कहा कि ऑनलाइन सिस्टम में मौजूद डेटा के अनुसार पिछले तीन साल में 391 अफगानियों और 1595 पाकिस्तानी प्रवासियों को नागिरकता दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि 2019 में 6 दिसंबर तक 40 अफगानियों और 712 पाकिस्तानियों को भारत की नागरिकता दी जा चुकी है। मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, 2018 से अब तक पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए 927 सिखों और हिंदुओं को भारत की नागरिकता दी जा चुकी है। नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि वर्तमान निर्देशों के अनुसार 15 साल या उससे ज्यादा समय से भारत में रह रहे वीजा धारक विदेशियों के वीजा को श्ग्-डपेबश् कैटिगरी में बदला जाएगा।
आतंकियों ने की 12 प्रवासी कामगारों की हत्या
जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद से प्रवासी कामगारों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। गृह मंत्रालय के मुताबिक, 5 अगस्त से लेकर अब तक आंतकी हमले में 12 प्रवासी मजदूरों और ड्राइवरों की जान गई हैं, जबकि तीन घायल हो गए हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से प्रभावित रहा है जो आतंकवाद सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित है। आतंकी आम लोगों को निशाना बना रहे हैं जिसमें कश्मीरी और गैर-कश्मीरी दोनों शामिल हैं। रेड्डी ने कहा कि 12 गैर-कश्मीरी मजदूरों और ड्राइवरों सहित 19 आम लोगों की आतंकियों ने हत्या कर दी। 5 अगस्त के बाद से आतंकी घटनाओं में 3 लोग घायल भी हुए हैं। सरकार को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है जिसमें यह बताया गया हो कि आतंकी हमलों को देखते हुए बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगार पलायन कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को लेकर किए गए फैसले के बाद आतंकी, ट्रक ड्राइवरों कारोबारियों और प्रवासी कामगारों को निशाना बना रहे हैं। उनका मकसद लोगों में डर पैदा करना है। इस डर से प्रवासी मजदूरों के इस केंद्र शासित प्रदेश को छोडऩे की खबरें सामने आ रही थीं। 

Check Also

जर्जर स्कूल के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता देते हुए करें : कलेक्टर

– विधानसभा के प्रश्नों के उत्तर प्राथमिकता के साथ समय-सीमा में भेजने के दिए निर्देश …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *