आम के दीवानों के लिए ये मौसम सबसे रोमांचक होता है। कच्चे, सौंधी महक वाले आमों से लेकर मीठे रसीले, हर किस्म के आम मार्केट में नजर आते हैं।हम लोगों को आम से कुछ ज्यादा ही प्यार है,इसकारण अभी भी पूरा परिवार साथ बैठकर आम खाना पसंद करता है। लेकिन क्या कभी आपके साथ या किसी पहचान वाले को ऐसा हुआ है कि उसने आम खाए हों और उसके होठों के नीचे छाले पड़ गए हों? ऐसा दरअसल आम से होने वाली एक एलर्जी की वजह से होता है। आम के छिलके में एक खास किस्म का केमिकल पाया जाता है।जब यह केमिकल आम खाते हुए हमारी त्वचा से छूता है,तब इसका रिएक्शन होता है जिससे होंठ और उसके आस-पास के हिस्से में छाले हो जाते हैं। इस केमिकलका नाम है उरुशियोल है। यह एक एलर्जी करने वाला केमिकल है, जो आम के छिलके में पाया जाता है।यह बहुत से केमिकल्स से मिलकर बना होता है। इसमें एक बेंजीन रिंग होती है जिससे दो अल्कोहलिक ग्रुप जुड़े हुए होते हैं। दुनिया में हर व्यक्ति उरुशियोल से प्रभावित नहीं होता। यह एक किस्म की सेलेक्टिव इम्युनिटी है, जिसके अनुसार कुछ ही लोगों को छिलके सहित आम चूसने के कारण ये एलर्जी हो सकती है।
वैसे सिर्फ यही एक केमिकल नहीं, आम में कुल 270 किस्म के केमिकल अभी तक मिले हैं, जो आम को इसकी निराली खुशबू और स्वाद देते हैं।इनमें से अधिकतर केमिकल एस्टर परिवार के सदस्य होते हैं। एस्टर ऐसा केमिकल है जो फलों को उनकी फ्रूटी मीठी महक देता है। 3-कैरीन केमिकल तेज फ्रूटी खुशबू, बहुत से मसालों में पाया जाता है। इलाइची, तुलसी, दालचीनी. नींबू, संतरा और नारंगी में भी पाया जाता है। प्यारी, सौंधी और फल जैसी मीठी खुशबू के लिए इसमें मेथाइल हेक्सानोएट नाम का एस्टर भी पाया जाता है।ये पपीते, कीवी, ब्लू चीज, वाइट वाइन, खरबूज और स्ट्रॉबेरी में भी पाया जाता है। यही स्ट्रॉबेरी में भी पाया जाता है।फल की मीठी खुशबू के लिए इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। लैक्टोन्स एस्टर की ही तरह यह भी एक केमिकल समूह होता है। इस समूह के भी कुछ सदस्य आम में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। आम में पाए जाने वाले गामा-ऑक्टालैक्टोन और गामा-नोनालैक्टोन इसी परिवार के सदस्य हैं।
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