Breaking News
1231233

पालघर साधु हत्याकांड की अगली कड़ी लगती है नौजवान वकील की हत्या

1231233

महाराष्ट्र में एक से बढ़कर एक धृतराष्ट्र

पालघर में पुलिस के सामने
एक बुजुर्ग और एक नौजवान साधु
उतार दिए गए थे मौत के घाट
इनकी कार का सारथी बेचारा
वह भी अकाल मौत गया था मारा
पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने मामला उठाया पुरजोर
आधी रात में अर्नब पर जानलेवा हमला करवाया गया
जिस पर किसी टी वी चैनल ने नहीं मचाया शोर
केवल अर्नब के चैनल ने विरोध जताया घनघोर
कुछ रोज बाद मुंबई के एक थाने में
करीब बारह घंटे उल्टा अर्नब की पूछताछ का चला सिलसिला कठोर
जिन्होंने अर्नब पर हमला किया उन पर रही पुलिस मेहरबान मुँहजोर
जो एसपी कर रहे थे जाँच पालघर मामले की
उन्हें या तो जाँच से कर दिया गया है बाहर
या उन्हे छुट्टी पर भेज दिया गया है घर की ओर
अब दिगविजय त्रिवेदी नामधारी एक युवा वकील जो
साधुओं की निर्मम हत्या का लड़ रहे थे केस
वे कार समेत उल्टा-पुल्टा लुढ़क कर गए स्वर्ग सिधार
खास बात यह है कि वे जा रहे थे न्यायालय की ओर
इस नाटकीय दुर्घटना का भी मुश्किल है मिलना ओर-छोर
जिस तिकड़ी के शासन का महाराष्ट्र में नाच रहा है मोर
उस तिकड़ी के शासन का घोर परिवारवादी शरद पॅवार है सिरमौर
दस जनपथ दिल्ली में स्थित है जिनका ठिया और ठौर
भूल जाओ अर्नब भाई पालघर हत्याकांड की हो पाएगी कोई भोर
परन्तु,न्याय और अन्याय की लड़ाई में न्याय को लगाना है पूरा जोर
वर्ना, अन्याय के हौंसले बुलन्द होंगे खुश हो जाएंगे सब चोर
तिकड़ी सरकार के हाथ सने हैं खून से, है ये अन्धेर
वह सीबीआई को हरगिज नहीं सौंपेगी यह केस
सरकार को पता है पालघर इलाके में गरीब हिन्दुओं को बरगलाकर
धर्म बदली की बह रही है सुहानी बयार
स्वर्गीय बाला साहेब का बेटा शरद की तरह धृतराष्ट्र की भूमिका में है सपरिवार
टुकड़े-टुकडे गैंग और हरियाली वाली आजादी की छा गई महाराष्ट्र में बहार।
इन्दिरा जी ने आपातकाल में
जनसत्ता नामक निष्पक्ष अखबार के कथित कतरने के लिए पर
इमानदार पत्रकारों के मन में बैठाने के लिए डर
जनसत्ता के कटवा दिए थे बिजली के तार
ऐसों का शासन है बन्धु महाराष्ट्र में फिर इक बार
इसलिए मैं तुम्हारे जज्बे से खुश हूँ महाशय हर बार
विज्ञापन के लालच में देश की पत्रकारिता का हो रहा है बंटाधार
कथित चौथा खम्भा देश की गरिमा पर कर रहा है लगातार प्रहार
क्या गिने-चुने देशभक्त पत्रकार वामपंथियों और इनके संगी-साथियों से मान लेंगे हार।
अर्नब जी राष्ट्र को पत्रकारिता से ऊपर रखने वालों का संगठन करो तैयार
हालाँकि यह काम मुश्किल है क्योंकि पत्रकारिता में बिकने वालों की है भरमार
अब मन्दिरों के धन की हो जाए दो टूक बात
इस मामले में मत देने का है सबको अधिकार
लेकिन चल-अचल सम्पत्ति की तो सबके पूजाघरों में है बौछार
फिर एक ओर साधुओं की हत्या पर शैतानी चुप्पी
दूसरी ओर मन्दिरों के धन पर ऐसी बेहया लुक्का-छिप्पी
गिरिजाघरों और चर्चों के पास भी है दौलत बेशुमार
क्या यह दौलत धर्म-बदली की मारती रहेगी भारत को मार
क्या हिन्दू को हिन्दू के रूप में नहीं कर सकते ये लोग मदद
धर्म बदलने पर ही करोगे गरीब हिन्दुओं की मदद
ऐ केन्द्र की सरकार अगर कानून देश की अस्मिता पर रोक नहीं सकते ऐसे वार
तो बनाओ देश की रक्षा के लिए नए कानून धारदार
भावी शाहीन बागों के लिए भी तैयार रखो अच्छे-अच्छे औजार।

                        -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।

Check Also

Bahis Heyecani: Mostbet’te Zengin Spor Bahis Secenekleri

Bahis Heyecani: Mostbet'te Zengin Spor Bahis Secenekleri

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *