
देहरादून (संवाददाता)। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस ‘एटक ने न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये करने की मांग की है। रविवार को प्रिंस चौक स्थित अग्रवाल धर्मशाला में संगठित और असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों ने एक स्वर में सम्मान से जीने का अधिकार मांगा। बड़ी संख्या में यूनियन के पदाधिकारी और मजदूर कर्मचारी नेता मौजूद रहे। इस दौरान कर्मचारियों और मजदूरों की विभिन्न समस्याओं पर मंथन किया गया। यूनियन ने आवाज उठाते हुए कहा कि ऐसे कार्मिकों को भी सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया जाना चाहिए। यह तभी संभव होगा जब संगठित-असंगठित मजदूर और कर्मचारियों का वेतन 18000 रुपए प्रतिमाह कर दिया जाए। सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष अनिल उनियाल ने कहा कि संगठित क्षेत्र के सार्वजनिक प्रतिष्ठानों में वर्षों से आउटसोर्स के माध्यम से काम कर रहे अधिकांश कार्मिक उच्च शिक्षा प्राप्त होने के बावजूद कम वेतन प्राप्त कर रहे हैं। जबकि जिला मंत्री ईश्वरपाल शर्मा ने कहा कि होटल और चाय बागान इत्यादि में काम कर रहे कार्मिक चिकित्सा सुविधा, पीएफ आदि की सुविधा से आज तक वंचित हैं।