देहरादून (संवाददाता)। उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल से शुरू हो रहा है जिसमें राज्य सरकार चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन से संबंधित विधेयक सहित कई अन्य विधेयक पेश करेगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, दस दिसंबर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधायें बहाल करने तथा मंत्रियों के आयकर भुगतान से संबंधित विधेयक भी पेश किये जा सकते हैं। मुख्य विपक्षी कांग्रेस भी श्राइन बोर्ड के गठन, प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरने की रणनीति बना चुकी है जिसके चलते सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है। हाल में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में चारधाम के नाम से प्रसिद्ध हिमालयी मंदिरों-बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री-समेत प्रदेश में स्थित 50 से ज्यादा मंदिरों के बेहतर संचालन और रखरखाव के लिये चारधाम श्राइन बोर्ड गठित करने का फैसला लिया था जिसका तीर्थ-पुरोहित विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस इस विरोध को समर्थन दे रही है। इस बीच, विधानसभा सत्र गैरसैंण में न किए जाने के विरोध में कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी धरना देने का ऐलान किया है। सोशल मीडिया के जरिए अपने धरने की जानकारी देते हुए रावत ने कहा है कि वह पांच दिसंबर को सुबह 11 बजे विधानसभा भवन के सामने उपवास व धरने पर बैठेंगे।
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