Breaking News

💥 जल, पृथ्वी के सबसे मूल्यवान संसाधनों में से एक- स्वामी चिदानन्द सरस्वती

🛣️🌳☘️🌴🪴🍀🌱🛣️

😷😷😷😷😷😷😷😷

🔴 पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और वित्तमंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण जी के साथ हुई भेंट वार्ता

🚩 परमार्थ निकेतन गंगा आरती में सहभाग हेतु किया आमंत्रित

💥 जल, पृथ्वी के सबसे मूल्यवान संसाधनों में से एक-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

ऋषिकेश (दीपक राणा)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज आज अपनी विदेश यात्रा से भारत लौटे। पूज्य स्वामी जी ने वित्तमंत्री भारत सरकार श्रीमती निर्मला सीतारमण से भेंटवार्ता कर जल के गिरते स्तर, जल संरक्षण संसाधन, सीवेज वेस्ट मैनेजमेंट आदि अनेक विषयों पर चर्चा की।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि माननीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारण जी भारत में महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है। आपने भारत की रक्षामन्त्री, वाणिज्य और उद्योग (स्वतंत्र प्रभार) तथा वित्त व कारपोरेट मामलों की राज्य मंत्री आदि अनेक पदों को सुशोभित किया है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि मानव और मानवता के अस्तित्व को बनाए रखने के लिये जल और वायु एक प्रमुख प्राकृतिक संसाधन है। जल तो स्वच्छता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जल विशेषज्ञों के अनुसार भारत एक गंभीर जल संकट के कगार पर है और मौजूदा जल संसाधन संकट में हैं, देश की नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं, जल संचयन तंत्र बिगड़ रहे हैं और भूजल स्तर लगातार घट रहा है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि भारत में प्रतिवर्ष पर्याप्त वर्षा जल और नवीकरणीय जल संरक्षण से मिल जाता है, हमें मजबूत बैकअप जल प्राप्त होता है और हमारे पास दुनिया का नौवाँ सबसे बड़ा फ्रेश वॉटर रिजर्व भी है, उसके पश्चात भी भारत में जल की समस्या विद्यमान है अतः हमें जल संरक्षण के प्रबंधन पर अधिक ध्यान देना होगा।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि हमें जल का प्रबंधन इस प्रकार करना होगा कि सभी तक पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ जल पहुँच सके। जल, पृथ्वी के सबसे मूल्यवान संसाधनों में से एक हैं और हमें न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिये जल की रक्षा करनी है बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिये भी जल का संरक्षण करना है।
माननीय वित्त मंत्री जी और पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने सीवेज वेस्ट मैनेजमेंट पर चर्चा की। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि सरकार और समाज दोनों के आपसी तालमेल और बेहतर समन्वय से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) को बेहतर तरीके से ऑपरेट किया जा सकता है। वर्तमान समय में भारत में अत्यधिक मात्रा में अपशिष्ट जल को झीलों, नदियों और तालाबों में प्रवाहित कर दिया जाता है। अपशिष्ट जल निकासी के कुप्रबंधन से डायरिया जैसी कई प्रकार के जल-जनित रोगों का खतरा बढ़ सकता है इसलिये हमें इस बात का विशेष ख्याल रखना होगा कि हम एक ऐसे पारिस्थितिक तंत्र में रहते हैं, जहाँ रिसाइक्लिंग बहुत जरूरी है।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर पुनः परमार्थ निकेतन पधारने के लिये आमंत्रित किया।

🌼🌻🌺🌷🌹🌸🌻🌼

Check Also

सीएम धामी ने ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में किया प्रतिभाग

देहरादून (सूचना विभाग) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऋषिकेश स्थित योग भरत …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *