विकासनगर (संवाददाता)। बर्फबारी होने से जौनसार-बावर के सैकड़ों किसानों ने भले ही राहत की सांस ली हो, लेकिन ऊंचाई पर बसे बर्फबारी प्रभावित 24 से ज्यादा गांवों के लोगों की दुश्वारियां लगातार बढ़ रही हैं। दिसंबर और जनवरी माह को छोड़ फरवरी के पहले सप्ताह तक भी क्षेत्रवासियों को बर्फबारी से निजात नहीं मिल सकी है।दिसम्बर और जनवरी माह में जौनसार बावर क्षेत्र में झमाझम बारिश और बर्फबारी हुई। इससे किसानी और बागवानी को खासा लाभ मिला है। अच्छी बर्फबारी होने से सेब की पैदावार अच्छी होने की संभवानाएं भी बढ़ी हैं। लेकिन क्षेत्र की ऊंची चोटियों पर बसे लोखड़ी, लोहारी, जाड़ी, कोटी, कनासर, रजाणू, उदांवा, मशक, कांडोई-भरम क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा गांवों के ग्रामीणों का जनजीवन बर्फबारी से प्रभावित हो गया है। करीब एक माह से इन गांवों में घरों से लेकर पगडिय़ों पर बर्फ जमीं हुई है। पेयजल लाईनें जमनें से ग्रामीण बर्फ को पिघलाकर प्यास बुझा रहे हैं। बर्फ के ऊपर पाला गिरने से ग्रामीणों का आवागमन पूरी तरह ठप है। ग्रामीण संतराम, शमशेर सिंह, आनंद, विनोद आदि का कहना है कि बर्फबारी ने पूरी तरह से प्रभावित कर रखा है। पशु भी पिछले एक माह से पशु बाड़ों में कैद हैं। उनके लिए चारा पत्ती का भी संकट बना हुआ है।
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