जेहादिस्तान का वार और कोरोना की मार
ऐ मेरे प्यारे वतन
ऐ मेरे दिल उत्तराखंड
किस जनम का है ये दंड
कब तलक गिरती रहेगी
जिहाद की बिजली प्रचंड।
अमित अंथवाल और देवेन्द्र सिंह राणा
देश पर हुए बलिदान
देश के काम आई इनकी जान
युद्ध में हुआ होता ऐसा तो
सीना फुलाकर करते हम बखान
बच्चे हमारे पा गए वीरगति का दर्जा महान।
किन्तु, ये तो जेहादिस्तान ने छीन ली इनकी जान
सीमा पार से चला रहा है वह अपना जेहादी अरमान
सन् बासठ के शूरवीर जसवन्त रावत का यह सैनिक प्रदेश महान
संसार जानता है यहाँ की माटी जनती है योद्धा सर्व-शक्तिमान
टिक नहीं पाते जिनके आगे बड़े-बड़े विरोधी बलवान
देश के लिए वीरगति पाना रही है हमारी पहचान।
ऐ उत्तराखंड के नौजवानो
पहला विश्व युद्ध रहा हो या दूसरा
हमने हमेशा अपनी वीरता का डंका बजाया
प्रदेश और देश का सर हर जगह हर दम उठाया
जंग-ए-मैदान में बढ़े कदम को कभी नहीं पीछे हटाया।
सुलगती सीमाएं हों
जेहादिस्तान का आतंकी जेहाद हो
तबलीगी जमात का कोरोना वाला जिहादी-आतंकवाद हो
फौजियों का गढ़ हमारा ‘गढ़-देश’ सदा आबाद हो
हम लड़ेंगे, लड़ते रहेंगे और लड़ते रहे हैं
हर तरह के आतंकवाद का सर कुचल कर रहेंगे
जय उत्तराखंड जय माँ भारती का शंखनाद करते रहेंगे
हर सलामी पर देश के लिए मर-मिटने का प्रण दोहराते रहेंगे।
धन्यवाद। सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, देहरादून