देहरादून, 17 अप्रैल
डीएस सुरियाल
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों पर चारधाम यात्रा का असर पड़ सकता है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश पर कोई फैसला नहीं हो सका। एक जून को जिला पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद, चारधाम यात्रा और आरक्षण प्रक्रिया में देरी के कारण चुनाव समय पर कराना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।
प्रदेश के 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले पंचायत एक्ट में संशोधन कर ओबीसी आरक्षण लागू करना जरूरी है। इसके बाद शासनादेश जारी होगा और आरक्षण प्रतिशत तय किया जाएगा। फिर अंतिम प्रकाशन के बाद आपत्तियां मांगी जाएंगी, जिनका निपटारा कर एससी, एसटी, ओबीसी और महिला आरक्षण को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। साथ ही प्रदेश में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं जिसमें प्रशासन की पूरी मशीनरी व्यस्त है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एक जून से पहले चुनाव कराना संभव नहीं होगा। इस प्रक्रिया में काफी समय लगेगा।