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अभिनेता सोनू सूद नायक और बालिका निहारिका दयालु परी है

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हीरो हो तो सोनू जैसा दिल हो जिसका दरिया जैसा

किसी कला में हो कोई दक्ष
होता है दुनिया में उसका नाम
किसी काम में हो कोई चतुर
पूछा जाता है वह सुबह-शाम
इन्सानियत में जो रम जाए
ऊपर वाले का बन जाता है वह पैगाम
विपदा में समाज और देश पर
हो जाता है जो कुर्बान
दिलों की बन जाता है शान
इन्सान से बन जाता है भगवान
दुनिया में माना जाता है
कर्म दान का सबसे महान
ऐसों पर कृपा की बरसा
झमाझम कर दो भगवान
सुपर स्टार से ऊँचा दर्जा
सोनू सूद को वारो कृपा-निधान
जग की शोभा बन जाते हैं
ऐसे ही दरियादिल इन्सान
सोनू सूद हम तेरी नीयत पर फिदा करते हैं जान
कड़ी मेहनत और गहरी लगन से अपनी, बने तुम बलवान
साबित कर दिया तुमने अपनी फितरत दिखाकर तुम हो बलवानों में बलवान
किसी भी राष्ट्र के लिए तुम जैसे ही होते हैं प्रान
सही समय पर गया तुम्हारा प्रवासी मजदूरों की विपदा पर ध्यान
तुमने करनी सेे अपनी बढ़ाई राष्ट्र की आन, बान और शान
चौराहे पर मायूस खड़े लोगों के डूब रहे थे जब अरमान
तब तुम फुर्ती से आगे आए दुखियारों की आई जान में जान
ऐ फिल्म इंडस्ट्री के दिलदार सितारे जिस पल तुमने ली यह ठान
उस पल नईया डोल रही थी फँसी पड़ी की बीच मझधार हलकान
तेरे जैसे माँ भरती के लालों से ही देश का बढ़ता है मान
तेरे जैसे दानवीर का याद रखेगा देश बलिदान।
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निहारिका नोयडा की

नोयडा की बालिका एक
निकली इतनी वह नेक
प्रवासी मजदूरों की पीड़ा देख
मन उसका भी हुआ दुखी
सोचा क्या किया जाए
मजदूरों का दर्द कैसे कम किया जाए
वे इतना कुछ करते हैं हमारे लिए
हम चुप बैठे हैं पर किस लिए
दादी कहती है उसकी बेटा
दुखी का दर्द उसकी आँखों से है झलकता
निहारिका ने टीवी पर देखा प्रवासी मजदूरों का मुरझाया चेहरा
दिखा उनकी आँखों में उसे दर्द बहुत गहरा
उसने चट से निकाला गुल्लक
फट से उसने फोड़ा गुल्लक
गिने रुपए तो पाए अड़तालीस हजार
उसने इस धन से तीन या चार मजदूरों को
भिजवाया छत्तीसगढ़ हवाई जहाज से
मिलवाया उनके परिवार वालों से बैठे थे जो हिम्मत हार
यही होता है अच्छी भावना का खेल
परोपकारी भावना का नहीं होता कोई मेल
बिटिया निहारिका तेरे मन में ऐसे ही पनपती रहे परोपकार की बेल।
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प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्भर निधि (5,000 करोड़ की योजना)

कोरोना वायरस से चल रही लड़ाई में
गली-कूचों में करने वाले छोटे-छोटे पर जरूरी कारोबार
ऐसे लोगों पर कोरोना काल का हुआ है दुखदायी वार
नाई, धोबी, पनवाड़ी, मोची, रेहड़ी-खोमचे वाले पीड़ित लोग
ले सकते हैं मार्च 2022 तक सरकार से दस हजार का कर्जा
इस धन से दोबारा अपने काम को खड़ा कर सकते हैं ये सब लोग
एक साल के अन्दर चुका सकते हैं यह कर्जा मासिक किश्तो में ऐसे लोग
जो समय से लौटा देगा कर्जा
उसे सीधे उसके खाते में कर्जे के सात प्रतिशत की मिलेगी सौगात
भवन निर्माण और शहरी विकास मंत्रालय ने जताया है यह विश्वास
कोरोना काल की मार से बाहर निकलने का यह अच्छा मौका दे रही सरकार
इस योजना का फायदा उठाकर फिर से पा सकते हैं पहले वाली रफ़्तार
पीड़ित लोग उत्साह से आगे आएं सरकार मदद को खड़ी है तुम्हारे द्वार।
                -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।

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