उत्तरकाशी (संवाददाता)। जिले में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश और बर्फबारी से क्षेत्र के किसानों एवं बागवानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। हर्षिल घाटी में हुई बर्फबारी सेब की फसल के लिए किसी वरदान से कम नही है। उत्तरकाशी में काश्तकार बारिश व बर्फबारी का इंतजार कर रहे थे। बारिश व बर्फबारी न होने के कारण काश्तकार परेशान थे। सेब के काश्तकारों की उम्मीदें भी बर्फबारी पर ही टिकी थी। लेकिन, पिछले तीन दिन से बारिश और बर्फबारी ने काश्तकारों के चेहरों पर मुस्कान लौटा दी है। हर्षिल घाटी में सेब, नाशपाति आदि फसलों पर भी इस बर्फबारी का अच्छा असर दिखाई देगा। इस बारिश और बर्फबारी ने जहां एक ओर ठंड बढ़ा दी है, वहीं दूसरी ओर किसानों को भी काफी राहत मिली है। नकदी फसलों एवं सेब के लिए प्रसिद्ध उत्तरकाशी जिले के हर्षिल, धराली, सुक्की, मुखबा आदि क्षेत्रों में बर्फबारी से अच्छी फसलों के होने की उम्मीद जगी है। वहीं, सब्जी उत्पादन करने वाले काश्तकारों के लिए यह बारिश काफी अच्छी है। क्षेत्र के किसानों में सुखदेव ङ्क्षसह, जगमोहन ङ्क्षसह, महादेव ङ्क्षसह, हरि ङ्क्षसह का कहना है कि बारिश से मिट्टी में कुछ नमी आई है। कम से कम अब इतना उत्पादन हो ही सकेगा कि बीज की कीमत निकल सके। जिला उद्यान अधिकारी बीआर ङ्क्षसह का कहना है कि यह बारिश व बर्फबारी से फसलों के उत्पादन के साथ ही आने वाले सेब आदि की फसलों का उत्पादन अच्छा होगा। बर्फबारी से वे कीट व फंगस खत्म हो जाते हैं, जो सेब की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
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