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दुनिया को चेताओ, पगलाए ड्रैगन को तिब्बत से भगाओ
दंडवत नमन उन सब वीर परिवारों को
जिनके सपूतों ने माँ भारती के चरणों में
कर दिया निछावर जीवन
धन्य-धन्य माताएं महान सब
जिनके लालों ने दे दिया देश को तन-मन
नत-मस्तक है सेना के आगे
आज देश का जन-जन।
फड़क रहीं भुजाएं हमारी
सुलग रही हैं छाती
बीस शूरवीरों की वीरगति पर
नींद हमें नहीं आती
आँखें मूँदने से पहले वाली इन शूरवीरों की
मुस्कान हमें है सताती
कभी खुशी और कभी गम के आँसू आँखों में छलकाती।
कायर ड्रैगनिस्तान के कायर सैनिको
नये भारत से पड़ा है तुम्हारा पाला
खोलना ज़रूरी हो गया है तुम्हारी अकल पर पड़ा ताला
गलवान घाटी और श्योक नदी हो या हो वहाँ कोई नाला
भारत है दुष्टो सुन लो वहाँ का असली रखवाला
तिब्बत से भी खदेड़ेंगे एक दिन तुझको
करेंगे तेरा मुँह काला
तिब्बत की आजादी से होगा एशिया में उजाला
अकसाई चिन से भगाई जाएगी एक दिन तेरी खाला
समाप्त करना जरूरी है तेरी गुंडागर्दी और बोलबाला
नये भारत के शूरवीरों से पड़ा है तेरा पाला
भारत के ‘बेपेंदी के लोटे’ कम्यूनिस्टों का भारतीयों ने सफाया कर डाला
अब तो दिल्ली में माँ भारती के सपूत ने है डेरा डाला
गलती कर दी तूने जो भारतीय सेना के गिरेबान में हाथ डाला
एलएसी से दूर खदेड़ा जाएगा तुझे ध्वस्त किया जाएगा तेरा गड़बड़झाला।
तू ताईवान जैसे नन्हें परन्तु हिम्मतवाले देश से डर जाता है
तू नेपाल जैसे साधारण देश को भड़काता है
तू जिहादिस्तान को मोहरा बनाकर पंगे करवाता है
तू हाँगकाँग पर तमाम जुल्मोसितम ढाता है
तू पूरे साउथ चाइना-सी पर कब्जा जमाता है
अफगानिस्तान से लेकर मंगोलिया तक को तू सताता है
तू भारत का पूरा इतिहास नहीं जानता है
एक दिन था जब तेरे विद्यार्थी भारत में उच्च शिक्षा पाने आते थे
भारत से तमीज सीखकर ड्रैगन को तमीज सिखाते थे
खैर! तुझे सबक सिखाने का समय निकट है आया
मोदी के दिमाग में अब तेरा ताजा धोखा है समाया।
मोदी जी लाल सलाम वालों और संगी-साथियों की सुन लेना
कायरों का मन और इनके मन की भी सुन लेना
अम्भियों, जयचन्दों और जिहादियों की भी सुध ले लेना
किन्तु देश की धड़कनों पर कृपया ध्यान देना
ड्रैगनिस्तान की हेकड़ी अब सर चढ़-चढ़ कर बोल रही है
आठ जून के ताजे समझौते का इसने बेरहमी से खून किया है
देश के शूरवीरों पर इसने धोखे से आघात किया है
उसने आपको मोदी जी पंडित नेहरू समझ लिया है
जो साम्यवादियों को प्रगतिवाद का झंडाबरदार समझते थे
जो अकसाई चिन को बंजर जमीन कहते थे
सरेआम सुबह-शाम माँ भारती का अपमान किया करते थे
मोदी जी कोरोना के वैज्ञानिक को दो-चार हाथ दिखा दो
जिनपिंग को मोदी होने का सही अर्थ समझा दो
भारत के लोगों के सीनों में जलती आग बुझा दो
ड्रैगनिस्तान के लोगों को ‘‘कम्नयूनिस्ट-तानाशाही’’ की असलियत बता दो
चुप और शान्त रहने वाले भारत की दुनिया को असली तस्वीर दिखा दो।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।