ऐ देश ज़रा उठ जा
नींद से तू जग जा
इस सवाल को न टालो
आँखें ज़रा मिला लो
कौन थे हम क्या हैं
सदियों गुलामी की वजहें
जड़ से काट दिए जाने की वजहें
क्यों नहीं हमें सतातीं
कारण हमें बतातीं।
15 अगस्त का आया मौका
क्या हमने सच का दर्पण ताका
गिरेहबाँ में अपनी झाँका
क्या हमने खुद को आँका ?
आरक्षण की खींचातानी
जात-पात की घोर बेईमानी
राजनीति की मौकापरस्ती
इंसाफ की मिटती हस्ती
नारी, वस्तु से बदतर
देश, प्रदेश से कमतर
अंग्रेजी बनी महारानी
देश की भाषाएँ माँगेे पानी।
देश की यह कैसी आज़ादी
श्रीराम उच्चतम न्यायालय में फरियादी
जिनकी हम संतानें
जिनकी धड़कतीं हममें जानें
उनके भाग्य का फैसला वे करेंगे
जो या तो आक्रांताओं के पुजारी
या फिर घोर श्रीराम विरोधी अनाड़ी।
-वीर झुग्गीवाला
Virendra Dev Gaur (Veer Jhuggiwala)
Chief Editor (NWN)