Breaking News
fdghhjhg65564774

जम्मू कश्मीर में रावण-राज का खात्मा करने वाले श्री राम

fdghhjhg65564774

देश के दलित नेताओ दलित-प्रेम का स्वाँग छोड़ दो
(जम्मू कश्मीर में दलितों पर बर्बरता का इतिहास )

थी अन्याय-अत्याचार जहाँ की रीति सदा
मैं क्रूरता के गीत वहीं के रोता हूँ
भारत माता का एक दुखी बेटा हूँ
जम्मू-कश्मीर में नीचता की बात बताता हूँ।
जीते हों किसी ने देश तो क्या
हमने तो देश ये अपना हारा है
यहाँ रावण अभी तक है नर में
नारी में अभी तक ताड़िका हैं।
इतने अपवित्र हैं लोग यहाँ
मैं नित-नित अपना शीश कटाता हूँ
जी रहा हूँ तो क्या—
मरा हुआ मैं खुद को पाता हूँ
भारत माता का दुखी बेटा हूँ
भारत के जम्मू कश्मीर की व्यथा सुनाता हूँ
वाल्मीकि समाज के कष्टों का सागर
मैं गहरा इतना पाता हूँ
ओर-छोर इस दुख के सागर का
देख नहीं मैं पाता हूँ।
बासठ साल जम्मू-कश्मीर के खलनायकों (जिहादियों) ने
हजारों वाल्मीकियों को अपना दास बनाकर रखा था
1957 में पंजाब से बहला-फुसला कर लाया गया था
तब से उन्हें मैला ढोने वाले दो पैरों के जानवर बनाकर रखा था
जम्मू-कश्मीर की सरकारें सुल्तान बनी रहीं ठाठ से
दिल्ली की सरकारें शहंशाह खुद को समझती रहीं नाज से
पड़ोसी जिहादिस्तान जिहाद का ज़हर फैलाता रहा खुले अंदाज से
कश्मीरी पंडितों को घाटी से निकालकर जीत का जश्न मनाता रहा वह इत्मिनान से
भारत के अन्दर जगह-जगह जिहाद चलाता रहा वह अपने पुश्तैनी रिवाज से ।
सन् 1957 में जम्मू शहर के सफाई कर्मचारियों ने छेड़ दी हड़ताल
वेतन बढ़ाने और नियमित करने की माँगों पर अड़ गई बात
गंदगी के लग गए ढेर के ढेर बीमारियाँ फैलने की हुई शुरुआत
जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री बख्शी गुलाम मोहम्मद ने पंजाब सरकार से की फरियाद
लिहाजा, गुरदासपुर और अमृतसर के लगभग तीन सौ वाल्मीकि परिवार हो गए तैयार
इन वाल्मीकियों (दलितों) के हितों की रक्षा का किया गया वादा तत्काल
झाँसे में आ गए ये बेचारे दिखाए गए थे इन्हें बड़े-बड़े सब्जबाग
कुछ साल इनका रखा गया जम्मू में थोड़ा-बहुत बाहरी मन से खयाल
कहा गया धारा 370 है और है धारा 35-A भी है रियासत में आबाद
न तुम्हें रियासत का बाशिन्दा बनाएंगे
ना ही सफाई कर्मचारी के अलावा करने देंगे कोई दूसरा काम
बस सफाई कर्मचारी बनकर इत्मिनान से रहो और समझो इसे ईनाम
इस तरह गुजरीं तीन पीढ़ियाँ इन दलितों की बना दिए गए ये गुलाम
धारा 35-A के नाग को दिखाकर धमकाया गया इन दलितों को खुलेआम
शिड्युल कास्ट (एससी ) का दर्जा भी न देंगे त्रिशंकु बनकर करते रहो तुम काम
आजाद भारत के अन्दर कथित संविधान की छत्रछाया में 62 साल रहे वाल्मीकि गुमनाम
देश के संविधान की उड़ती रहीं धज्जियाँ मानवाधिकारों का होता रहा कत्लेआम
वाल्मीकियों की कम से कम तीन पीढ़ियों के बेहिसाब दर्द की जानते हो तुम दास्तान
केन्द्र की सरकारों और बडे़-बड़े न्यायालयों पर है मेरा यह सीधा इल्जाम
जम्मू कश्मीर के इन मासूम दलितों की भावनाओं के बेरहम हत्यारे हो, आप सब मेहरबान
जम्मू-कश्मीर में हजारों की संख्या में हैं आज ये दशकों सताए गए इन्सान
इनकी पढ़ाई के रास्तों में भी लगाए गए तमाम रोड़े यह हकीकत भी लो तुम जान।
गुजरे बासठ सालों में दलित-नेताओं की खड़ी हो गई देश में लम्बी-चौड़ी फौज
एक से बढ़कर एक दलितों के मसीहा देश में कर रहे हैं मौज
कितनों ने जम्मू-कश्मीर में 35-A की चक्की में पीसे गए वाल्मीकियों के लिए उठाई आवाज
कितनों ने कहा धारा 370 और 35-A का मार डालो आदमखोर बाज
किसी दलित नेता ने पीया है माँ का दूध तो पहना देंगे उसे इन्सानियत का ताज
अरे छोड़ो नेतागिरी और सीखो पहले इन्सानियत का पहला पाठ
रामायण के आदि रचियता भगवान वाल्मीकि का भी किया तुम लोगों ने घोर अपमान
जिन्होंने घोषित किया था श्री राम को ‘‘सामाजिक-समरसता’’ की जान
श्री राम को गलियाने वालो जाओ बुद्ध की शरण में पर
मत बेचो निजी उत्थान के लिए अपना दीन-ओ-ईमान।
है प्रीति जहाँ की रीति सदा
मैं गीत वहीं के गाता हूँ
श्री राम के पुनर्जन्म की कथा तुम्हें सुनाता हूँ
नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के रूप में
जन्मे हैं श्री राम यहाँ
रावण के वध की गाथा दोहराई जिन्होंने
रावण का किया है नाश वहाँ
धारा 370 और 35-A का चल रहा था रावण-राज जहाँ
दलित वाल्मीकियों और कश्मीरी पंडितों पर जुल्मो-ओ-सितम के हैं अम्बार वहाँ
अब सब की बराबरी का शुरु हुआ है दौर वहाँ
भेदभाव और शोषण का चलाया गया घोर अमानवीय चलन जहाँ।
                     -सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।

Check Also

Guncel giris Sitesi Mostbet turk

Guncel giris Sitesi Mostbet turk

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *