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सरकार भी लेगी शादी में दावत पर जीएसटी का शगुन

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नोएडा। नवरात्र खत्म हो चुके हैं और कुछ दिन बाद शादी का सीजन शुरू हो जाएगा। इस बार आपको शादी समारोह के लिए टेंट, हलवाई की बुकिंग के लिए जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। सरकार ने इन दोनों सेवाओं पर 1 अगस्त से गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू कर दिया है, जिसका असर देवोत्थान एकादशी के बाद ही देखने को मिलेगा। ऐसे में आपको इनकी बुकिंग करवाने पर 18 पर्सेंट ज्यादा रकम चुकाने के लिए तैयार रहना होगा।, पहले कच्चे बिल पर चलता था बिजनस – टेंट व्यापारियों के मुताबिक पहले टैक्स नहीं लगता था। स्टॉक में पड़े माल पर साल में एक बार वैट की 6 पर्सेंट कंपाउंडिंग फी दी जाती थी। करीब 5 लाख रुपये के माल पर यह फी 15 हजार रुपये पड़ती थी, जिसे व्यापारी अपनी जेब से खुद ही चुका देते थे। चूंकि लोग पक्के बिल से परहेज करते थे, इसलिए अधिकतर व्यापार अब तक कच्चे बिल पर चल रहा था।
यूपी टेंट व्यापारी असोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण शर्मा ने कहा, टेंट बुकिंग का काम अब तक कच्चे बिल पर चलता था। अब क्रेडिट लेने के लिए हमें पक्के बिल काटने होंगे। ऐसे में टैक्स का सारा भार जनता पर ही जाना है। हमारी सरकार से मांग है कि इसे हटाकर पहले की तरह कंपाउंडिंग फी की व्यवस्था की जाए।
कैटरिंग में कम था टैक्स-कैटरिंग में मजदूरों की दिहाड़ी समेत 40 पर्सेंट काम पर कोई टैक्स नहीं देना होता था। इस काम के केवल 60 फीसदी हिस्से पर हर मद में 10 फीसदी का औसत टैक्स लगता था। अब सरकार ने इन दोनों स्लैब को खत्म करके कैटरिंग बिजनस पर एकमुश्त 18 फीसदी का जीएसटी लगा दिया है। इसके चलते इस बार लोगों को भी हलवाई बुक करते समय भी ज्यादा खर्च करने के लिए तैयार रहना होगा। बिल के कारण कारोबारी उधार देने में भी संकोच करेंगे।
जीएसटी हटाने की मांग-वहीं, नोएडा जिला टेंट असोसिएशन के गोपाल प्रधान का कहना है, नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार की यह दूसरी मार है। टेंट बिजनस एक मजदूर प्रधान उद्योग है, जो पूंजी की तुलना में रोजगार ज्यादा पैदा करता है। इसलिए इस बिजनस से सरकार को जीएसटी हटा लेना चाहिए। यदि हटाना संभव नहीं हो तो इसे 5 पर्सेंट के स्तर पर ले आना चाहिए।
हरभजन का जीएसटी पर ट्वीट-कुछ दिन पहले पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह ने रेस्ट्रॉन्ट्स पर लगने वाले जीएसटी पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया था। हरभजन ने लिखा था कि जब रेस्ट्रॉन्ट में खाना खाने के बाद बिल दो तो लगता है कि आपके साथ केंद्र और राज्य सरकार ने भी खाना खाया है।

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