
बागेश्वर (संवाददाता)। अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण ने सीईओ सभागार में ऊर्जा संरक्षण दिवस पर गोष्ठी आयोजित की। जिसमें ऊर्जा को आर्थिक विकास की मूलभूत आवश्यकता करार दिया गया और उसके संरक्षण को लेकर मंथन हुआ। भाषण, निबंध और चित्रकला प्रतियोगिता में अव्वल रहे छात्र-छात्राओं को नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। ऊर्जा संरक्षण दिवस पर आयोजित गोष्ठी का शुभारंभ करते हुए परियोजना अधिकारी रॉकी कुमार ने कहा कि ऊर्जा आर्थिक विकास की मूलभूत आवश्यकता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के कृषि, उद्योग, वाणिज्य, परिवहन, घरेलू आदि सभी क्षेत्रों में ऊर्जा की मांग अपने सभी रूपों में लगातार बढ़ रही है। ऊर्जा की बड़ती खपत से हमारी जीवाश्म ईधन पर निर्भरता बड़ रही है। तेल, गैस की कीमतें बढ़ रही हैं जबकि सीमित भंडार होने के कारण यह भविष्य के लिए चिंताजनक है। जीवाश्म ईधन के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण की वजह भावी पीढ़ी के अस्तित्व को खतरे में डाल रहा है। प्रभारी सीईओ प्रमोद कुमार तेवाड़ी ने कहा कि आज आवश्यक हो गया है कि ऊर्जा के अन्य वैकल्पिक स्रोतों पर अभी से ध्यान केंद्रित करते हुए उनके कुशलतापूर्वक उपयोग की तकनीकें विकसित की जाए ताकि भावी पीढ़ी के लिए समुचित ऊर्जा संसाधन उपलब्ध रहें। प्रवक्ता दीप चंद्र जोशी ने कहा कि उरेडा प्रदेश में सौर ऊर्जा, जल विद्युत ऊर्जा और बायोमास से बिजली पैदा कर रहा है। घरेलू आवश्यकताएं वैकल्पिक ऊर्जा से होने लगी है। ग्रिड की ऊर्जा का उपयोग उद्योग धंधों, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि क्षेत्रों में कर सकेंगे और राष्ट्र के विकास में योगदान होगा। इस दौरान निबंध, भाषण, चित्रकला आदि प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर आए छात्र-छात्राओं को 13500 रुपये की धनराशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए।
एनसीसी कैडेटों ने निकाली रैली- गोष्ठी के बाद एनसीसी कैडेडों ने जन जागरूकता रैली का आयोजन किया। उन्होंने सोच-समझ कर व्यय हो ऊर्जा, ऊर्जा से चलता पुर्जा, करो साइकिल की सवारी दूर होगी प्रदूषण की बीमारी, राष्ट्रहित में बिजली बचाएं वैकल्पिक ऊर्जा संयंत्र लगाए, तेल-गैस अनमो खजाना व्यर्थ नहीं है इसे गवाना आदि प्ररेणास्पद नारे लगाए। इस मौके पर ले. मोहन सिंह धामी, जगदीश जोशी, धीरेंद्र पाठक, सुरेश राम, संजय टम्टा, महिपाल डसीला, राजेश आगरी, दीवान सिंह, प्रताप महरा, सतीश चंद्र, भगवती प्रसाद, मीरा देवी आदि मौजूद थे।