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मनरेगा में ग्रामीण परिवारों को साल में मिले अधिकतम रोजगार: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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-मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को अधिकाधिक रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की समिति

-रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में छत्तीसगढ़ अन्य राज्यों से बेहतर, फिर भी प्रति परिवार रोजगार उपलब्धता के दिन बढ़ाये जाने की पर्याप्त संभावनायें

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रायपुर (जनसम्पर्क विभाग)। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत ग्रामीण परिवारों को साल में अधिक से अधिक रोजगार मुहैया हो। उन्होंने इस हेतु कार्ययोजना बनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन भी किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने की गारंटी दी गयी है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसके अतिरिक्त भी 50 दिनों का रोजगार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य में ग्रामीण परिवारों को औसतन 42 दिन, वर्ष 2017-18 में 52 दिन और वर्ष 2018-19 में 57 दिन रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन बेहतर रहा है किन्तु छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां अधिकांश क्षेत्रों में एक ही फसल होती है, में प्रति परिवार रोजगार उपलब्धता के दिन बढ़ाये जाने की पर्याप्त संभावनायें है।

मुख्यमंत्री द्वारा मनरेगा के अंतर्गत ग्रामीण परिवारों को वर्ष में अधिकतम रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना बनाने हेतु मुख्यसचिव की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है। जिसमें अपर मुख्य सचिव वित्त, अपर मुख्य सचिव गृह, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव वन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और सचिव कृषि को इस समिति का सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने इस समिति को 15 दिवस के अन्दर ग्रामीणों को वर्ष मेें अधिकतम रोजगार उपलब्ध कराने की कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।

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