-प्राधिकारी समिति में १५ प्रकरणों को दी मंजूरी
रायपुर (जनसंपर्क विभाग) । छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय क्षेत्रों में अनाधिकृत विकास एवं निर्माण को नियमितीकरण के दायरे में लाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए है। इसके लिए १४ जुलाई २०२२ से लोगों से विधिवत आवेदन भी लिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल अनाधिकृत विकास एवं निर्माण करने वाले लोगों को राहत देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसका लाभ उन लोगों जरूर मिलना चाहिए, जिन्होंने आवासीय अथवा गैर आवासीय निर्माण कार्यों में कहीं न कहीं चूक की है। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर कलेक्टर श्री पी.एस.ध्रुव ने यह बातें प्राधिकारी समिति की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहीं। कलेक्टर ने कहा कि अनाधिकृत विकास एवं निर्माण के नियमितीकरण को लेकर लोगों को जागरूक और प्रेरित करने की जरूरत है। उन्होंने नगरीय निकाय के अधिकारियों को इसका लाभ लोगों को दिलाने के लिए वार्डवार शिविर आयोजित कर उनके आवेदन लेने और समय-सीमा में इसका निराकरण करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इसके दायरे में आने वाले लोगों को नियमितीकरण कराने के लिए विशेष अभियान संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अनाधिकृत विकास एवं निर्माण के बावजूद भी नियमितीकरण न कराने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जानी चाहिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री टी. आर. कोशिमा, नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक श्री संजूलाल सिंह, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री इशहाक खान, नगर निवेश अन्य कर्मचारी तथा नगर पालिका के उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण कराने के लिये बहुत ही कम समय बचा है। उन्होंने नगर निगम आयुक्त व समस्त नगर पालिका, नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को अधीनस्थ कर्मचारियों व राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की इसके लिए ड्यूटी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि नियमितीकरण का लाभ सभी को लेना चाहिए। विशेषकर १२० वर्ग मीटर तक भू-खण्ड को निःशुल्क नियमितीकरण किया जाना है। प्राधिकारी समिति की बैठक में समिति ने कुल १५ प्रकरणों को रखा गया जिसमें ११ प्रकरण आवासीय, ०२ प्रकरण गैर आवासीय एवं ०२ प्रकरण १२० वर्ग मीटर के तहत् आने वाले प्रकरण को निःशुल्क स्वीकृत किया गया। कुल १५ प्रकरणों पर १२ लाख ९५ हजार ३२२ रूपए की शास्ति राशि अधिरोपित किया गया। कलेक्टर ने बैठक में अनाधिकृत विकास एवं निर्माण के नियमितीकरण को लेकर फील्ड में आ रही समस्याओं और नगरीय क्षेत्रों में इसके दायरे में आने वाले दुकानों और मकानों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण में तेजी लाने के लिए सभी वास्तुविद की सूची लोगों को प्रदान करें। प्रत्येक वार्ड में इसकी सूची भी चस्पा करें। प्राप्त आवेदन पर कार्यवाही के लिए समयावधि का भी निर्धारण करें, ताकि समय पर आवेदन का निराकरण हो सके। नियमितीकरण के लिये प्राप्त आवेदनों पर फील्ड का निरीक्षण वार्ड स्तर पर राजस्व व नगर पालिका के अधिकारी कर्मचारी करेंगें तथा ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जो निवेश क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं, उसमें राजस्व एवं नगर निवेश की संयुक्त टीम सर्वेक्षण कर आवेदन प्राप्त करेंगें। प्रत्येक सप्ताह समय-सीमा की बैठक के पश्चात् नियमितिकरण प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी। गौरतलब है कि १४ जुलाई २०२२ से अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण के तहत आवेदन लेने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है और इस तिथि से एक वर्ष के अंदर ही नियमितीकरण के लिए आवेदन किया जा सकता है। प्राधिकारी समिति की बैठक में आवासीय प्रकरणों के तहत श्रीमती रतनी पुगलिया, श्रीमती आशा देवी, श्रीमती कोमलचन्द्र साहू, कोमलचन्द्र साहू, मो. अमीर याकूब, श्रीमती धनौता यादव, श्री गलबलिया राम उर्फ गलबल, श्री विजय कुमार अग्रवाल, श्री रामचरन साहू, श्री हरकेश तिवारी, श्री विजय कुमार बखला, गैर आवासीय में विजय कुमार बखला, श्रीमती मीरा सिंह, आवासीय निःशुल्क प्रकरण गोपाल प्रसाद बुनकर, श्री भगवत प्रसाद केशरवानी के अनाधिकृत विकास एवं निर्माण कार्य का नियमितीकरण किए जाने की मंजूरी दी गई। सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश ने बताया कि नियमितीकरण का आवेदन फार्म आर्किटेक्ट के जरिए जमा कराना होगा। इसके साथ लीज, लायसेंस, आबंटन संबंधी दस्तावेज जो जीवित हो जमा करना होगा। भवन का निर्माण अधिसूचित तिथि के पूर्व याने कि १४ जुलाई २०२२ होने का प्रमाण पत्र, बिजली बिल, सम्पत्तिकर, की प्रति तथा अन्य आवश्यक स्वप्रमाणित दस्तावेज जो शासन के द्वारा निर्धारित बिन्दुवार ०१ से १३ अनुसार आवश्यक होगा। निगम से पंजीकृत वास्तुविद या आर्किटेक्ट के द्वारा तैयार भवन मानचित्र बिल्डिंग प्लान की प्रति सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत भवन अनुज्ञा, भवन पूर्णता प्रमाण पत्र की छाया प्रति यदि उपलब्ध हो तो शपथ पत्र अ एवं ब में अनाधिकृत विकास के नियमितीकरण कराने के लिए देना होगा।