
राम जी की निकली सवारी 
राम जी की लीला है न्यारी—–
एक तरफ सीता
एक तरफ लक्ष्मण 
बीच में जगत के पालनहारी—-।
इसी जगत के पालनहारी 
दशरथ नन्दन अजर बिहारी का 
देश रहा कभी 
ईरान की सीमा से त्रिपुरा-मनीपुर तक अति भारी, 
इसलिए ऋषि जी करो 
पैंसठ की उम्र में कभी ज्ञान-विज्ञान से यारी 
मत करो अज्ञानता की सवारी। 
पैसा तुमने बहुत कमाया 
अच्छा खाया अच्छा पहना 
पर तुमको यह समझ नहीं आया
पाकिस्तान हथियाया कष्मीर छोड़ों 
पूरा पाकिस्तान हमारा है भाया
यदि पाकिस्तान पर इतना ही प्यार आया 
तो समेटो बोरा-बिस्तर जाओ दफा हो जाओ
सपरिवार यहाँ से भाया। 
राम की खाते हो 
राम की कमाते हो 
राम की गाते हो 
पाकिस्तान के वकील बन जाते हो।
बोलने की आजादी का मतलब है
सच बोलने की हिम्मत होना 
बकवास की झक नहीं 
फारुक अब्दुल्ला तो जिहादी मुसलमान है 
भारतीय नहीं 
वह तो जिन्ना की पूजा करता है
तुम भी करते हो क्या।
( virendra dev gaur)
chief-editor
 
 
 The National News
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