रायपुर (जनसंपर्क विभाग) । छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर का महत्वपूर्ण योगदान है। साथ ही खेती किसानी को आगे बढ़ाने में छत्तीसगढ़ी अस्मिता को आगे बढ़ाने में रेल मिल आदि अनेक उद्योगों को बढ़ावा देने के मामले में चंद्राकर जी की सराहनीय भूमिका रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज ग्राम तर्रा में आयोजित चंद्रनाहु कुर्मी क्षत्रिय समाज के वार्षिक अधिवेशन तथा स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर जी की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सामाजिकजनों को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने इस दौरान स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर जी की अनेक स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय श्री चंद्राकर बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे। कोई भी उनके पास किसी भी मूड में आता, उनकी सहज मुस्कान देखकर शांत हो जाता। सिद्धांत की बातों पर स्वर्गीय चंद्राकर कभी नहीं डिगते थे और अंगद के पांव की तरह स्थिर हो जाते थे। उनके योगदान को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय चंद्राकर का संबंध महात्मा गांधी, बिरला परिवार तथा देश के सबसे प्रतिष्ठित लोगों के साथ रहा। इसके बावजूद भी उन्होंने सामान्य जनों से संबंध कभी नहीं तोड़ा। आम आदमी से उनका वैसा ही संबंध रहा जैसा उनका व्यवहार बुद्धिजीवी लोगों के साथ रहा। संपादक के रूप में और खेल पत्रकार के रूप में उन्होंने देश विदेश का भ्रमण किया और अपनी
प्रतिभा की छाप दुनिया भर में छोड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अक्सर मुझे कहते थे कि दुनिया घूमने के लिए पैसे की जरूरत नहीं होती। दुनिया घूमने के लिए हुनर की जरूरत होती है वह अपना एक कैमरा लेकर जाते और साथ ही उनकी इतिहास की गहरी दृष्टि भी होती जिससे वह अपनी इन विदेश यात्रा का खर्च निकाल लेते। चंद्राकर फक्कड़ स्वभाव के थे और हमेशा अपने लोगों के साथ खड़े रहते थे जब मासूरी प्रजाति के धान को मोटा घोषित कर दिया गया तब उन्होंने कहा कि इसके लिए अतिरिक्त बोनस प्रदान करें और तब मध्यप्रदेश सरकार ने इसके लिए अतिरिक्त बोनस भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हम लोग स्वर्गीय चंद्राकर के सपनों के राज्य के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। किसानों को समर्थन मूल्य हो या खेती किसानी को बढ़ावा देने की बात हो। हम सब स्वर्गीय चंद्राकर के दिखाए रास्ते पर चल रहे हैं। इस मौके पर सभा को महासमुंद के विधायक विनोद चंद्राकर एवं पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर ने भी संबोधित किया। इस मौके पर समाज के अध्यक्ष खिलावन चंद्राकर एवं अन्य प्रतिनिधि गण मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नरसिंह चंद्राकर ने की।
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