मोदी की शक्ति से चारों खाने चित्त राहुल गाँधी ब्रिगेड पगला गई है। गुजरात विधान सभा चुनाव जीतने के लिये मन्दिर-मन्दिर घूमने, खुद को शिव भक्त बताने, जनेऊबाजी का कार्ड खेलने जैसी कई तरह की नौटंकियॉ कीं राहुल ने किंतु मोदी को पराजित न कर सके। राहुल ने जिग्नेश, अल्पेष वगैरह के मार्फत जातिवादी ज़हर फैलाया गुजरात में। यही जातिवादी और मज़हबी ज़हर फैलाने के लिये भारत को भड़काऊ भाषण देने के लिये जानबूझकर उकसाया गया था। ये दोनों पथभ्रष्ट नौजवान देष को हिंसा की आग में झोंककर बड़ा नेता बनने के ख्वाब देख रहे हैं और कांग्रेस, कथित समाजवादी और बेपेंदी के लोटे कम्युनिस्टों जैसे तत्व-2019 में देश की एकता की राख से लोक सभा चुनाव की जीत का तिलक लगाने के मंसूबे बाँध रहे हैं। कांग्रेस का खूनी पंजा 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी को पटकनी देने के लिये किसी भी हद तक जा सकता है। कम्यूनिस्ट यानी वामपंथी तो इस देश के स्थायी शत्रु हैं ही। मायावती और मुलायम जैसी पार्टियों के लिये भारत की एकता कोई मायने नहीं रखती। इनका एकमात्र लक्ष्य रहा है शासक बनकर ठाठ-बाट से रहना। भारत वासियों को बहुत सावधान रहने की ज़रूरत है। 2019 के चुनाव में अपना वर्चस्व बनाने के लिये कांग्रेस,वामपंथी, सपा, बसपा जैसी पार्टियाँ देश को जातिवादी और मजहब वादी आग में झोंकने की तैयारी में हैं। ऐसा करने के लिये ये राजनीति के दलदल किसी भी दाँव का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इन्हे अहसास हो गया है कि विकास के मुद्दों के आधार पर ये मोदी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं हैं। महाराष्ट्र में यही खेल खेला गया। मोदी ने साबित कर दिया है कि वह केवल विकास को ध्यान में रखकर राजनीति कर रहे हैं। इसके अलावा वह मुस्लिम कट्टरवाद से देश को मुक्त करना चाहते हैं। कांग्रेस, सपा, बसपा जैसे दल मुस्लिम कट्टरवाद के इर्द-गिर्द अपनी राजनीति करते आए हैं। इन्हे लगता है कि यदि देश की जिहादी ताकतों को कमजोर होने दिया गया तो फिर इनकी राजनीति ठप्प हो जाएगी। इस वक्त ऐसे घोर अवसरवादी दल यही सोच रहे हैं कि किसी तरह भारत में मजहबी उन्माद यानी मुस्लिम कट्टरवाद और जादिवाद को भड़काया जाए। इन आग के शोलों में राजनीतिक रोटियाँ सेंकी जाएं और मोदी को ध्वस्त कर दिया जाए। कांग्रेस जैसी पार्टी इस देशद्रोही सोच को हवा देकर आने वाले समय में देश के माहौल को प्रदूषित करने की तैयारी में है। इसलिए भारत माता के सपूतो सावधान।- ( Virendra Dev Gaur-Chief-editor)