ऋषिकेश (संवाददाता) । परमार्थ निकेतन में दो माह बिताने के बाद बौद्ध भिक्षु लद्दाख लौट गए। इससे पहले उन्होंने यहां रहते हुए भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के बारे में करीब से जाना और वाटर सेरेमनी के दौरान पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया। रविवार को परमार्थ निकेतन में आयोजित विदाई समारोह में परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि लद्दाख और परमार्थ निकेतन मिलकर स्वच्छता, शिक्षा, योग, ध्यान और शान्ति के लिए काम कर रहे हैं। बौद्ध और सनातन संस्कृतियों के मिलन से युवा पीढ़ी में सहयोग, प्रेम, शान्ति और समरसता के गुणों का उद्भव होगा। उन्होंने बताया कि अप्रैल में गंगा एक्शन परिवार और परमार्थ निकेतन की टीम लद्दाख में हजारों पौधे रोपेगी। गंगा एक्शन परिवार की प्रमुख साध्वी भगवती और स्वामी चिदानन्द मुनि महाराज के सानिध्य में गंगा की दिव्य आरती भी हुई। इस मौके पर सोनम तुमदोन, सुशीला, सुचरिता, उपेक्षा, संघमित्रा, सुमंगला, सुपद्मा, गौतमी, पवित्रा, सुकम्मा, नंदिनी त्रिपाठी मौजूद रहे ।
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