
ऋ षिकेष (संवाददाता)। जंगल से सटे भट्टोंवाला, मंसादेवी, टोंगिया प्लांटेशन में पनप रहे नशे के अवैध कारोबार पर भड़के ग्रामीणों ने तहसील में हुंकार भरी। आबकारी, वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि इनकी शह पर ही कच्ची शराब और नशीली दवा क्षेत्र में धड़ल्ले से बिक रही है, जिसकी चपेट में युवा वर्ग आ रहा है। उन्होंने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। धंधेबाजों की जल्द धरपकड़ नहीं होने पर हाईवे जाम जैसे आंदोलन की चेतावनी दी है। मंगलवार को क्षेत्र में नशाबंदी को लेकर ग्रामीण गुमानीवाला स्थित विद्यापीठ स्कूल के पास एकत्रित हुए। यहां से जुलूस की शक्ल में आबकारी, वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ऋषिकेश तहसील पहुंचे और क्षेत्र में धड़ल्ले से बिक रही कच्ची शराब और नशीली दवाइयों के विरोध में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने बताया कि भट्टोंवाला, मंसादेवी, टोंगिया प्लांटेशन क्षेत्र में जंगल और घरों में अवैध कच्ची शराब बन रही है। मेडिकल स्टोर में नशीली दवा धड़ल्ले से बिक रही है, जिसकी चपेट में आकर युवापीढ़ी अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। यही नहीं क्षेत्र में नशेडिय़ों का जमघट लगने से बहन-बेटियों का सड़क पर चलना दूभर हो गया है। आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती। प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार रेखा आर्य को ज्ञापन सौंपकर ग्रामीण क्षेत्र में पनप रहे नशे के अवैध कारोबार पर तत्काल रोक लगायी जाए। तहसीलदार ने बताया कि आबकारी और वन विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। प्रदर्शन करने वालों में राजेंद्र गैरोला, मनोज गुसाईं, दर्शनी उनियाल, पूर्णा देवी, शांति, बसंती, रोशनी उनियाल, भागेश्वरी भट्ट, कमला रावत, माया रावत, शांति पैन्यूली, सीता, सुशीला, रोशनी, पूनम जोशी, जैठी आदि शामिल थे।लगता है अनहोनी पर चैतेगा विभाग तहसील में नशे के अवैध कारोबार पर रोक लगाने की मांग उठा रही भट्टोवाला क्षेत्र की महिलाओं ने बताया कि आरक्षित वन क्षेत्र में मानवीय दखल पर रोक है, लेकिन जंगल के अंदर कच्ची शराब अवैध भट्टिया संचालित हो रही हैं। यह हाल तब है जब कुछ दिन पहले जहरीली शराब पीने से देहरादून में कई लोगों की मौत हो गई थी। भट्टोंवाला क्षेत्र के जंगल में जहरीली शराब बन रही है। महिलाओं ने बताया कि आबकारी विभाग और वन विभाग आंखें मूंदे बैठा है, लगता है बड़ी अनहोनी होने पर ही चेतेंगे।