नई दिल्ली । फिल्म पद्मावत 25 जनवरी को पूरे देश में रिलीज होगी। सुप्रीम कोर्ट ने ‘पद्मावत’ के प्रदर्शन को रोकने के लिए मध्यप्रदेश और राजस्थान की ओर से दायर याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। उधर करणी सेना के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कालवी, पद्मावत देखने से मना कर दिया है। उन्होंने फिल्म पर पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की है। इसके साथ ही करनी सेना की ओर से फिल्म को लेकर विरोध भी बरकरार है। आज की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि एक संवैधानिक संस्था ने इसको रिलीज करने की इजाजत दी है। अब राज्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वे कानून-व्यवस्था को बनाए रखें और इस फिल्म को रिलीज कराएं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने सोमवार को दोनों राज्यों की अर्जी पर संज्ञान लिया और मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार की तारीख तय की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि लोग यह समझें की सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है और ऐसे में उसका पालन किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान, दोनों राज्यों के अनुरोध पर अपने पुराने आदेश में बदलाव से इनकार कर दिया और इसके साथ ही पद्मावत की रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफतौर पर अपने आदेश में कहा है कि राज्य उसके 18 जनवरी के आदेश का पालन करें, कोई जरूरत होने पर, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के पास आने की पूर्ण स्वतंत्रता है। मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर से दायर याचिकाओं में राज्यों ने दावा किया है कि सिनेमैटोग्राफ कानून की धारा छह उन्हें कानून-व्यवस्था के संभावित उल्लंघन के आधार पर किसी भी विववादित फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का अधिकार देता है।
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