दिल्ली का संविधान है ऐसा
लोकतंत्र का कबाड़ हो जैसा
जिस षरारती ने बनाया दिल्ली का संविधान
वह लुच्ची राजनीति का बड़ा पहलवान
सत्तर विधानसभा वाली ओ दिल्ली
तू अंग्रेजों के जमाने के एल.जी के आगे भीगी बिल्ली
इतने पर भी तू चुप रह जाए
फिर लोकतंत्र की हाय-हाय।
ऑड इवन पर भी जो अड़ंगी खाए
वही केजरीवाल कहलाए
न्यायालयों के चक्कर लगाए
न्यायालय भी लोकतंत्र पर तरस न खाए
उल्टा बेचारे केजरीवाल को फटकार लगाए
दिल्ली में लुट रही लोकतंत्र की पल-पल इज्जत
केन्द्र बैठा देख रहा बनकर दुर्योधन का पापा
चक्रव्यूह के अन्दर लड़ रहा केजरी-लड़ाका
ऑड इवन भी बना दिया विरोधियों ने फंदा
कितना गिरेगी राजनीति सब गोरख धंधा।