नई दिल्ली । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, नेता प्रतिपक्ष राज्य सभा गुलाम नबी आजाद एवं मानव संसाधन विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति (राज्य सभा) के सभापति डॉ सत्यनारायण जटिया समेत अनेक सांसदों एवं पूर्व सांसदों ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए ।
लोकसभा सचिवालय के प्रवक्ता ने बताया कि गुरुवार को संसद भवन केंद्रीय कक्ष में लगी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में केंद्रीय मंत्री, संसद सदस्य, पूर्व संसद सदस्य और अन्य विशिष्टजन शामिल थे। लोकसभा की महासचिव श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव और राज्य सभा के महासचिव श्री देश दीपक वर्मा ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला की पहल पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा और उन पर लिखित संसदीय ग्रंथालय में उपलब्ध पुस्तकों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशिष्टजनों को लोक सभा सचिवालय द्वारा हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवनवृत्त वाली पुस्तिका भेंट की गई ।भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति, डॉ नीलम संजीव रेड्डी ने 23 जनवरी, 1978 को संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र का अनावरण किया था ।
राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति ने भी किया याद नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी न्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि उनकी वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें मेरा नमन। वे हमारे सबसे लोकप्रिय राष्ट्रनायकों और स्वतंत्रता संग्राम के महानतम सेनानियों में से हैं। उनके कहने पर, लाखों भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और अपना सब कुछ बलिदान किया। उनकी वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों का सम्मान करना ही नेताजी के प्रति कृतज्ञ श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने ट्वीट किया कि आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर पुण्य स्मृति को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं। नायडू ने अपने दक्षिण भारत दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि गत सप्ताह अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की यात्रा के दौरान, उस स्मारक के दर्शन का सौभाग्य मिला जहां 1943 में नेताजी तथा उनकी आजाद हिंद फौज ने भारत भूमि पर पहली बार आजादी का झंडा फहराया था। हमारी आजादी महान बलिदानों की विरासत है। अपने स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों का सम्मान केवल हमारा संवैधानिक कर्तव्य है बल्कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसे राष्ट्र नायकों के प्रति हमारी कृतज्ञ श्रद्धांजलि भी है।
