रुडकी (संवाददाता)। सत्रह जुलाई से शुरू हुआ कांवड़ मेला मंगलवार को संपन्न हो गया। आखिरी दिन हाईवे से डाक कांवडि़ए गुजरते रहे। सोमवार के मुकाबले इनकी संख्या कम रही। अब कांवडि़ए अपने क्षेत्रों में जाकर भगवान भोले का जलाभिषेक करेंगे। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से कांवड़ मेला शुरू हुआ। मंगलवार को मेला संपन्न हो गया। हाईवे पर कई दिनों से डाक कांवड़ चल रहे थे। इस बार पैदल कांवडिय़ों को भी पहले ही हाईवे पर भेज दिया गया था। सोमवार को डाक कांवडिय़ों से हाईवे पूरी तरह पैक रहा। सोमवार रात तक हाईवे से डाक कांवड़ वाहन गुजरते रहे। छोटे ट्रकों के साथ ही बाइक सवार डाक कांवड़ वाहनों की तादात ज्यादा रही। मंगलवार सुबह से डाक कांवड़ वाहनों में कमी आनी शुरू हो गई थी। बीच-बीच में डाक कांवडिय़ों के जत्थे आते रहे। सोमवार को जहां हाईवे पार करना मुश्किल हो रहा था तो वहीं मंगलवार को राहत रही। मंगलवार को दोपहर ढाई बजे बाद शिवरात्रि पर जलाभिषेक का मुहूर्त होने के कारण अधिकांश कांवडि़ए लौट चुके थे। बुधवार दोपहर बारह बजे बाद तक जलाभिषेक का मुहूर्त होने के कारण कई कांवडि़ए देर से लौटे। कांवड़ मेला खत्म होने के बाद पुलिस ने नहर पटरी मार्ग को भी पूरी तरह खोल दिया है। यहां लगाई गई बैरिकेडिंग को हटा दिया गया है। पटरी पर लौटेगा प्रशासनिक कामकाज कांवड़ मेला संपन्न होने के बाद पुलिस और प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है। प्रशासनिक अधिकारियों के कांवड़ मेले में व्यस्त होने के कारण काम प्रभावित हो रहे थे। भीड़ के चलते फरियादी भी कम पहुंच रहे थे। कांवड़ मेला खत्म होने के बाद अब स्कूल-कॉलेज भी खुल जाएंगे। कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।
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