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जयपुर। राजस्थान में किसान और सरकार आमने-सामने हो गए । हालात मध्यप्रदेश के किसान आंदोलन जैसे बनते जा रहे हैं । सम्पूर्ण कर्ज माफी,सिचांई सहित विभिन्न मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे किसानों ने गुरूवार को प्रदेश के अधिकांश राजमार्गों पर जाम लगाया। विधानसभा का घेराव करने जा रहे किसानों को रोकने के बाद उग्र हुए आंदोलनकारियों ने सड़कों पर जाम लगाकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जाम के कारण सड़कों पर चार से पांच किलोमीटर तक वाहनों की लम्बी कतारें लग गई ।किसानों के उग्र आंदोलन की आशंका को भांपते हुए सरकार ने दो दिन पूर्व ही किसान महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमराराम और पूर्व विधायक पेमाराम सहित करीब 100 किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था । इनकी गिरफ्तारी के बाद सरकार को आंदोलन कमजोर होने की उम्मीद थी,लेकिन उग्र किसान गुरूवार को राज्यभर में सड़कों पर उतर गए । किसान आंदोलन का अधिक असर सीकर,झुंझुंनू,चुरू और जयपुर जिले में देखने को मिला । जयपुर-बीकानेर और जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर किसान धरना देकर बैठ गए,पुलिस किसानों को उठाने के प्रयास में जुटी रही,लेकिन किसान उठने को तैयार नही है । किसानों को विधानसभा तक पहुंचने से पहले अलग-अलग शहरों और कस्बों में ही किसानों को पुलिस ने रोक दिया । जयपुर शहर के आसपास के किसान पहुंचे तो पुलिस ने गुरूवार को 200 किसानों को गिरफ्तार किया । जयपुर के हसनपुरा इलाके में किसानों ने पड़ाव डाल रखा है । सीकर जिला मुख्यालय और विभिन्न कस्बे गुरूवार को बंद रहे ।