है कोई माई का लाल जो सवाल का जवाब दे?
केवल और केवल माँ भारती की चरण-वन्दना करने वालो
कोरोना जैसे संकट का बहाना कर इस यक्ष सवाल को मत टालो
क्योंकि यह तमाम भावी पीढ़ियों का सवाल है मतवालो
भारत का जीवित रहना संसार के लिए ज़रूरी है गाँठ बाँध लो
हमारा नारा और हमारी जीवनधारा संसार है एक परिवार
वे कहते हैं उनके मत के लिए कर डालो दूसरों का संहार
वे 58 से ज्यादा मुल्कों के बनकर स्वामी
बेचैन होकर घूम रहे हैं बतला रहे हैं खुद को पीड़ित प्राणी
हम केवल एक देश को समेट कर रखने में हाँफ रहे हैं
जात-पात की अड़ंगियाँ एक दूसरे को मार रहे हैं
कर्मकांडों के भारी बोझे से गरीब बिलबिला रहे हैं
ज्ञानी पुरोहित हमारे स्वार्थ में इतरा रहे हैं
न हम राम को समझे न श्याम को समझ पा रहे हैं
न हम शिव के सत्यम शिवम सुन्दरम् पर खरे उतर पा रहे हैं
हम गिरेबान में अपने झाँकना भूलते जा रहे हैं
हम स्वामी विवेकानन्द और स्वामी दयानन्द पर भी रहम नहीं खा रहे हैं
हम गुरू गोविन्द सिंह जी की प्रेरणा को शुरू से झुठला रहे हैं
इसीलिए सदियों से जिहाद के आगे घुटने टेकते आ रहे हैं।
धन्यवाद। सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, देहरादून