नई दिल्ली (द नेशनल न्यूज़): भारतीय सलामी बल्लेबाज इशान किशन ने चटगांव में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए तीसरे और अंतिम वनडे मैच में बल्लेबाजी का ऐसा नजराना पेश किया जिसकी सराहना हर कोई कर रहा है। उन्होंने बल्ले से ना सिर्फ कई रिकार्ड अपने नाम किए, बल्कि पिछले कुछ समय से ढीला रवैया अपना रही भारतीय टीम को दुष्टिकोण में परिवर्तन की भी राह दिखाई।
बांग्लादेश ने टास जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी का न्यौता दिया, लेकिन इशान और विराट कोहली ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में आठ विकेट पर 409 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में बांग्लादेश की टीम महज 34 ओवर में 180 रनों पर सिमट गई, लेकिन उसने 2-1 से सीरीज अपने नाम की।
इशान और कोहली ने बांग्लादेश के खिलाफ तीसरे वनडे में जिस तरह आक्रमक शैली अपनाई, आगे भी टीम को इसे जारी रखने की जरूरत है। भारतीय टीम प्रबंधन काफी दिनों से इस बात की कोशिश कर रहा था कि खिलाड़ी वनडे में आक्रामक रवैया अपनाएं, लेकिन टीम अभी तक ऐसा नहीं पा रही थी। बांग्लादेश सीरीज की ही बात करें तो भारतीय बल्लेबाजी क्रम लगातार विफल हो रहा था। 2019 विश्व कप के बाद से भारत पहले 10 ओवर में तेजी से रन बनाने वाली दूसरी टीम थी, लेकिन जब भी रोहित, धवन और कोहली साथ खेल रहे हैं, टीम की शुरुआत धीमी पड़ रही है। हालांकि, जब भी भारत ने अच्छी शुरुआत की, इसके पीछे कोई अलग फार्मूला रहा। अगला वनडे विश्व कप 2023 में भारत में ही होना है और टीम को अगर एक और आइसीसी ट्रीफी जीतने का मौका गंवाने से बचना है तो उसे ऐसा ही दृष्टिकोण आगे भी कायम रखना होगा।
रोहित की अनुपस्थिति में सलामी बल्लेबाज के तौर पर उतरे इशान ने धवन के आउट हाने के बाद अपने हाथ खोले। उन्होंने बांग्लादेश के हर गंेदबाज को अपना निशाना बनाया। इशान ने इस मैच में कोई अलग फार्मूला नहीं अपनाया। 2009 के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब किसी भारतीय बल्लेबाज नें 11 से 20 ओवर के बीच 50 या उससे अधिक रन बनाए। इस दौरान इशान का कोहली ने भी बखूबी साथ दिया जिन्होंने वनडे में अपना 44वां शतक पूरा किया।
विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश की टीम कभी संतुलित नहीं दिखी और पूरी टीम 200 रन का आंकड़ा भी नहीं छू सकी।
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