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सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित-
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
छपास रोग के गंभीर रोगियो
मेरी सुनो एक प्रार्थना मीडिया के भोगियो
हिन्दी के लिये जुगाली करते-करते
हिन्दी दिवस पर हिन्दी के लिए आहें भरते-भरते
हिन्दी दिवस के प्रेमियो
हिन्दी के लिये फरियाद करते-करते
हिन्दी कह रही है तुम लोगों से मरते-मरते
तुम लोग सचमुच होते हिन्दी प्रेमी तो
ट्रम्प दौड़े चले आते भारत मोदी जी को
नमस्कार-नमस्कार कहते-कहते।
छोड़ो बातें सड़ी-गली
राजभाषा और राष्ट्रभाषा की
अगर हमारे गणमान्य नेता संजीदा होते
पग-पग पर हम हिन्दी का अपमान न सहते
आज हिन्दी निकम्मों-नालायकों की भाषा है
हिन्दी के सम्मान की मिट रही आशा है।
देश से अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा खत्म करो
अंग्रेजी का विषय बना रहे काफी है
हर प्रान्त में शिक्षा का माध्यम वह भाषा बने
जिस मातृ-भाषा का वहाँ बोलबाला हो
देखो ऐसा प्रयोग करके
देश की शिक्षा का स्तर बहुत ऊँचा हो जाएगा
बच्चा-बच्चा देशभक्त और विद्वान बन जाएगा
देश पर राज कर रही अंग्रेजी का नशा काफूर हो जाएगा
देश में चमत्कार हो जाएगा
एकता का सदाबहार ज्वार आ जाएगा।
शर्म आनी चाहिए हमको
स्कूलों में हमारे बच्चे हिन्दी बोलने पर प्रताड़ित हो रहे
प्रतिभा की डाली पर मुर्झाए फूल लटक रहे
अंग्रेजी के दबाव में बच्चे कुंठा का ज़हर पी रहे
एक योग्य बच्चा भी अयोग्यता का भागी बन रहा
देश का बच्चा-बच्चा सुलग रहा
हे नेता तू किस मदहोशी में जी रहा।