रक्त विकार में आधा कप लौकी के रस में थोडी-सी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पीने से रक्त विकार दूर हो जाता है। दस्ते होने पर लौकी के रायते का सेवन करें। इसके लिए लौकी को कद्दूकस करके थोडा पानी डालकर उबाल लें। दही को अच्छी तरह मथकर उसमें उबली हुई लौकी को निचोडकर मिला दें। फिर उसमें सेंधा नमक, भुना हुआ जीरी, कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर दिन में कम से कम 2-3 बार खाएं। दस्त की परेशानी से दूर हो जाएं। पीलिया रोगी को लौकी के रस में थोडी-सी मिश्री मिलाकर दिन में कम से कम 3-4 बार पी रात को नींद न आने की शिकायत हो तो आप लौकी के रस में कुछ बूंदें तिल के तेल की मिलाएं। और फिर इससे सोने पहले सिर पर अच्छी तरह से मालिश करवा लें। आजमा कर देखें नींद अच्छी आने लगेगी। लौकी के सेवन करने से गर्भाशय मजबूत होगा व गर्भस्त्राव का भी डर भी नहीं रहेगा। जिन स्त्रियों का गर्भपात हो जाता है। उन्हें लौकी खानी चाहिए आप चाहे तो इसकी कभी सब्जी तो कभी इसका रस के रूप में अवश्य ले सकती है। गठिया से परेशान रोगियों को लौकी 100 मिली, कम से कम 3 ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से गठिया की सूजन और दर्द से राहत मिलती है।
Check Also
Monumentos incomuns e edifícios antigos
Nosso estado, como todos os países do planeta, é único em seus monumentos e estruturas …