Breaking News
guru teg bahadur ji

17 वीं सदी में जिहाद का कश्मीर में हिंदुओं पर कहर

guru teg bahadur ji

chief editor nwn

B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित- 
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)
Mob.9528727656

सिख गुरु ‘‘गुरु तेगबहादुर’’ का अमर बलिदान

(शिरोमणि गुरद्वारा प्रबन्धक कमेटी के हिसाब से हर साल 24 नवम्बर को मनाया जाता है
शहीदी दिवस। किन्तु उनका सर कलम हुआ था 11 नवम्बर 1675 जबकि
उनका जन्म 1 अप्रैल 1621 के दिन हुआ)

             (1)
भारत के सिख गुरु दस
पूरा गुणगान नहीं किसी के वश
पर नवें महान गुरु के जीवन चरित का रस
कुछ हद तक चख लो जस का तस।
             (2)
छठे गुरु, गुरु हरगोबिन्द सिंह की छह सन्तान
छठे ‘त्याग मल’ रहे महान
मुगलों के खिलाफ चुद्ध में लड़े जी-जान
पिता ने देखी वीर पुत्र की शान
दुश्मन रह गया चकित-हैरान
गुरु जी ने दिया ‘तेग बहादुर’ का नाम और मान
मतलब जिसका है-‘‘तलवार की ताकत वाला’’ महान।
             (3)
बहादुर सेनापति और निडर सिपाही
किन्तु गुरु नानक जी की सिद्धि पाई
मन के सन्त दिल से शांति के राही
देश प्रेम, भरा सोच में, पाई-पाई
कभी हिन्दुस्तान का कवच कहाई
कभी नवें नानक की छवि पाई
और कभी नवें मालिक की बादशाही
अन्तिम पल तक लड़ी न्याय के लिए लड़ाई।
            (4)
लालन-पालन सिख परम्परा वाला
सीखे धनुष बाण और घुड़सवारी रण वाला
पढ़े वेद, उपनिषद और पुराण ढंग से
तीन फरवरी सोलह सौ तैंतीस को ब्याहे ‘गुजरी’ से
दसवें गुरु ‘‘गुरु गोबिन्द सिंह’’ जन्मे इन्हीं माता गुजरी से।
            (5)
मुगल बादशाह जहाँगीर ‘‘जिहादी’’ दिल वाला
किया गुरु अर्जन सिंह को शहीद जिहादी जुनून वाला
इसलिए गुरु तेग बहादुर पाए जत्था सुरक्षा वाला
उत्तर-पश्चिम और कश्मीर से एक संदेशा आया
मुगलों ने वहाँ जिहादी उत्पात मचाया
कश्मीरी पंडितों और अन्य हिन्दुओं पर अत्याचार था बढ़ आया
मुसलमान बनो या फिर दोजख (नर्क) जाओ औरंगजेब ने फरमाया
मचा था कोहराम जिहाद का अंधकार था छाया
गुरु तेग बहादुर ने हिन्दुओं की रक्षा का बीड़ा उठाया
गुरु के प्रण ने था जिहादी औरंगजेब को भड़काया।
                 (6)
मुगलों ने किया गुरु जी को गिरफ्तार
जब ठानी गुरु ने करने की आर-पार
जिहाद को गुरु ने था ललकारा
जिहाद औरंगजेब को था जान से ज्यादा प्यारा
कुछ महीने सरहिन्द की जेल में रखा
फिर दिल्ली की कैद में बन्द रखा
गुरु जी पर खूब जुल्म थे ढाए
किन्तु उन्हें और उनके तीन साथियों को मुसलमान नहीं बना पाए।
                (7)
जब औरंगजेब का धीरज टूटा
उसका गुस्सा बनकर कहर तब टूटा
गुरु तेगबहादुर के रहे साथ तीन चेले
भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाल
एक के ‘‘जिंदा ही’’ आरी से किए गए छोटे-छोटे टुकड़े
दूसरे को खौलते पानी में तड़पा-तड़पा कर मारा
तीसरे को आग में जिन्दा जलाया
पिंजड़े में बन्द गुरु को ये सब दिखाया
फिर गुरु का अन्त में सिर धड़ से उड़ाया
चाँदनी चौक मूक गवाह है इस जिहाद का
भूल गए आज सिख जिहाद के जुल्मोसितम
जिहादियों से मिलकर कुछ सिख खालिस्तान का भर रहे दम।
                   (8)
जिस जगह काटा गया था गुरु का शीश
वहाँ आज विराजमान है गुरुद्वारा शीशगंज साहिब
जहाँ गुरु के एक गरीब चेले ने जलाया था गुरु का धड़
जलाकर गरीब ने अपने खुद के झोपडे़ को
वहाँ विराजमान है आज गुरुद्वारा राकब गंज साहिब
दिल्ली में शोभायमान हैं ये दो महान शहीदी गुरुद्वारे
जहाँ पल रही हैं कुर्बानी की यादें, प्यारे।
                     (9)
भाई जेता (जीवन सिंह) ने उठाया महान गुरु का शीश
समझा गुरु तेग बहादुर का आशीष
जुटाई हिम्मत ले गए पंजाब गुरु का शीश
आज वहीं विराजमान हैं दूसरे गुरुद्वारा शीश गंज साहिब
इन्ही महान गुरु जी ने बसाया था शहर आनन्दपुर साहिब।
                   (10)
ये तो था जाँबाज संत का जिहाद से मुकाबला
देशवासियों को जिहाद के आगे न झुकने देने का सिलसिला
किन्तु गुरु तेग बहादुर ‘‘गुरु ग्रन्थ साहिब’’ को भी नहीं भूले
पवित्र ग्रंथ के पेज 219 से पेज 1427 तक समाए हैं उनके बोल
116 शबद 15 राग में गूँजती है उनकी बानी
उनके भगतों की 782 रचनाएं भी हैं शामिल पवित्र बानी
अनन्त है गुरु तेग बहादुर की बलिदानी उनकी जुबानी और अमृत बानी।

जिस पल हर तीसरा दिल केवल माँ भारती का हो जाएगा 
उसी पल देश की माटी से जिहाद का ज़र्रा-ज़र्रा मिट जाएगा।

जय भारत                   जय जवान                    जय किसान

 

Check Also

Monumentos incomuns e edifícios antigos

Nosso estado, como todos os países do planeta, é único em seus monumentos e estruturas …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *