
देहरादून (संवाददाता)। प्रोत्साहन राशि पर रोक व न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। उन्होंने सरकार पर अपनी मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन के बैनर तले मंगलवार को विधानसभा कूच किया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
संगठन की अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं। उन पर कार्य का बोझ लगातार बढ़ रहा है, लेकिन उस मुताबिक मानदेय उन्हें नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता लंबे समय से न्यूनतम वेतनमान की मांग कर रही हैं, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि आशा कार्यकर्ताओं को कामगार घोषित कर न्यूनतम वेतनमान 18 हजार रुपये किया जाए। सालाना मिलने वाली पांच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि को भी वेतन के साथ मिलाकर दिया जाए। सामाजिक सुरक्षा साथ 6 साल की उम्र पूरी होने पर ग्रेज्युटी व पफंड का भुगतान किया जाए। आकस्मिक मृत्यु पर आशा कार्यकर्ता के परिवार को पांच लाख रुपये बीमा का लाभ दिया जाए। गर्मी व सर्दी में अलग-अलग ड्रेस उपलब्ध कराई जाए।