उत्तरकाशी (संवाददाता)। गंगोत्री धाम में इस बार प्रसाद का स्वरूप कुछ खास होगा। इसके लिए गंगोत्री मंदिर समिति ने तैयारी शुरू कर दी हैं। चौलाई के पकवानों का प्रसाद गत्ते के डिब्बे और रिंगाल की छोटी कंडी में दिया जाएगा। गंगोत्री धाम में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार प्रसाद मंदिर परिसर में ही मिल सकेगा। इस प्रसाद में चौलाई के लिए खील और लड्डू के साथ तांबे के पात्र में गंगा जल तथा इसके साथ चुल्ला व सेब के सूखे हुए फल मिलेंगे। इस प्रसाद की पैकिंग में पॉलीथिन का प्रयोग नहीं होगा। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि चौलाई के खील लंबे समय तक खराब नहीं होते हैं। चौलाई के लड्डू के सुरक्षित रहने का समय एक माह का होता है। प्रसाद के पैकेट में उत्पादक तिथि का भी उल्लेख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक श्रद्धालु गंगोत्री मंदिर के बाहर से अपनी इच्छा के अनुरूप प्रसाद व अन्य सामग्री खरीदते थे। लेकिन, जो विशेष प्रसाद है उसके केवल मंदिर समिति ही मंदिर परिसर में बेचेगी। गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट खुलने में केवल अब नौ दिन का समय बचा हुआ है। इसलिए गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री मंदिर परिसर में साफ सफाई का कार्य पूरा किया गया है। इसके साथ ही आने वाले कुछ दिनों में मंदिर की सजावट का कार्य भी शुरू हो जाएगा।
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