
नैनीताल (संवाददाता)। नैनीताल के दोनों प्रवेश द्वारों पर गुरुवार को जंगलों के धधकने से अफरा-तफरी रही। साथ ही जंगलों की आग के आवासीय क्षेत्र में पहुंचने से विभाग के पसीने छूट गये। आग पर नियंत्रण के लिए एरीज क्षेत्र में पहुंचे वनक्षेत्राधिकारी एनके जोशी धुएं के गुबार के बीच बेहोश हो गए। वन विभाग के मंडलीय कंट्रोल रूम की रिपोर्ट की मानें तो गुरुवार को नैनीताल में सबसे अधिक 52 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जानकारी के अनुसार बुधवार रात्रि नैनीताल-हल्द्वानी मोटर मार्ग स्थित नैना गांव से लगे जंगल में आग लग गई। रात 3 बजे आग ने विशाल रूप ले लिया। इसकी सूचना शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने दमकल तथा वन विभाग को दी। सूचना मिलने पर विभागीय अधिकारी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक आग यहां से करीब पांच किलोमीटर दूर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान एरीज तक पहुंच चुकी थी। आवासीय क्षेत्र में आग का दखल होने पर यहां अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते आग एरीज की एक मीटर प्रकाशीय दूरबीन तक जा पहुंची। इसके बाद एरीज के समस्त वैज्ञानिक और लगभग 50 शोधार्थियों ने टैंकों से बाल्टियों के जरिए आग पर काबू पाने की कोशिश की। आग बेकाबू होने पर हल्द्वानी से भी दो टैंकर यहां पहुंचे। एफएसओ कैलाश चंद्र के अनुसार क्षेत्र में दिनभर आठ टैंकर पानी लाया गया। इधर पाइंस क्षेत्र में भी आग ने विशाल रूप दिखाया। इस दौरान सड़क के दोनों ओर आग लगने से मार्ग पर लगातार पत्थर गिरने का भी सिलसिला जारी रहा।