
देहरादून (संवाददाता)। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 18 वर्षों में हजारों हेक्टेयर जंगल 44478 हेक्टेयर जंगल राख हो चुका है। जंगल की आग से वन विभागों को करीब 86 लाख का नुकसान पहुंचा। आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने प्रमुख वन संरक्षक कार्यालय से राज्य गठन के बाद जंगलों में आग की घटनाओं और उससे हुए नुकसान का ब्योरा मांगा था। वन संरक्षक उत्तराखंड वनाग्नि कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र प्रसाद डोबरियाल ने उन्हें सूचना उपलब्ध कराई है। यह भी बताया गया कि जंगलों में आग लगाने के आरोप में वन विभाग ने वर्ष 2016 में आठ, और वर्ष 2018 में सात लोगों को गिरफ्तार किया। इनके खिलाफ कार्रवाई की गई। अभी मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।