दीप्ति नेगी (वरिष्ठ संवाददाता)
देहरादून: राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने डॉक्टरों की टीम ने उत्तरकाशी निवासी बच्चे की आँखों की पुतलियों से झिलियों को हटाने जैसा दुर्लभ ऑपरेशन किया जो पूर्ण रूप से सफल रहा। यह इस तरह का पहला ऑपरेशन जो दून मेडिकल कॉलेज द्वारा किया गया। राजधानी के राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में भर्ती मोरी, उत्तरकाशी निवासी रोहन बिष्ट (14)पुत्र विजयपाल बिष्ट को कुछ समय पहले आँखों की रोशनी में ढुँढलेपं की शिकायत हुई जो समय के साथ बढ़ रही थी। इस बारे में जब दून मेडिकल की टीम ने उसकी जाँच की तो डॉक्टरों को पता चला कि रोहन जन्मजात आँखों की पुतलियों(आईरिस) की बीमारी से ग्रस्त था जिससे मेडिकल भाषा में परसिस्टेंट प्यूपिल्लरी मेम्ब्रेन कहते है। इस बीमारी में मरीज की आँखों में लगातार अलग -अलग झिल्लियाँ(मेम्ब्रेन)की परते बनती है जिससे समय के साथ यह बीमारी अंधेपन में बदल जाती है, डॉ. सुशील ओझा। रोहन को इस बीमारी की वजह से कमजोर दृष्टि व आँखों की पुतलियों को सही ढंग से हिलाने में दिक्कत आ रही थी। उसकी आँखों की पुतलियों पर बानी झिल्लियाँ उसकी आँखों में प्रवेश
करने वाले प्रकाश को रोक रहा था जिससे उसमे आंशिक अंधेपन के लक्षण उभर चुके थे। इस बीमारी के जल्द ऑपरेशन के लिए अस्पताल की टीम तैयार की गयी जिसमे सभी डॉक्टरों ने सभी झिलियों को एक -एक करके हटाने का फैसला लिया। इस टीम में अस्पताल के डॉ. सुशील ओझा, सहायक प्रोफेसर व एच ओ डी नेत्र विभाग, डॉ. मनु भारद्वाज(सीनियर रेजिडेंट),डॉ. आंशिक कश्यप(सीनियर रेसिडेंट) थे। यह अपने आप में दून मेडिकल कॉलेज में पहली बार किया गया एक दुर्लभ ऑपरेशन था। अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा किये गए इस दुर्लभ नेत्र विसंगति के सफल ऑपरेशन के लिए निदेशक मेडिकल एजुकेशन दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आशुतोष सयाना और डॉ. के. के. टम्टा(एम एस)ने टीम के सभी डॉक्टरों को बधाई दी और कहा कि उनका कॉलेज इस ऑपरेशन के जरिये दूर -दराज पहाड़ी क्षेत्रों के निवासियों की उम्मीदों पर सफलतापूर्वक खरा उतरने में कामयाब रहा है। इस मौके पर डॉ. पी. बी. गुप्ता(प्रिंसिपल दून कॉलेज) ने कहा की कॉलेज आने वाले समय में बेहतरीन नेत्र चिकित्सा के लिए जाना जायेगा। रोहन और उसके माता पिता ने भी किसी सरकारी अस्पताल में इतनी बेहतर और सफल सुविधा के लिए डॉक्टरों को धन्यवाद दिया।