
देहरादून (संवाददाता)। कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) निदेशालय की भूमिका दवा खरीद को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है। आरोप है कि निदेशालय ने एक ही दवा की खरीद अलग-अलग कीमत पर की। प्रभारी चिकित्साधिकारी कर्मचारी राज्य बीमा औषधालय रुद्रपुर के डॉ. ललित सिंह ने सचिव श्रम, निदेशक राज्य बीमा निदेशालय समेत कई अफसरों को पत्र लिखकर घपलों की शिकायत की है। इसमें आरोप लगाया कि मरीजों को दवाओं के बिलों का दोगुना भुगतान किया गया है। बाद में उन्हीं मरीजों को धमकाकर वसूली की गई। इस मामले में जांच अधिकारी भी निदेशालय से दस्तावेज न मिलने पर सवाल उठा चुके हैं। शासन एफआईआर तक दर्ज करने को कह चुका है।
गले की फांस बनेगी खरीद : निदेशालय और जिलों में अस्पतालों की ओर से खरीदी गई रेलसर जेल दवा की खरीद कई अफसरों-डॉक्टरों के गले की फांस बनने जा रही है। डॉक्टरों ने ही एक-दूसरे पर रेलसर जेल 180 एमएल (65 रुपये) का टेंडर करने और सप्लाई रेलसर एमपीएस प्लस 170 एमएल (12 रुपये) की करने के आरोप लगाए हैं। दवा खरीद, बिल भुगतान समेत कई मामलों में बड़ी वित्तीय अनियमितता के आरोप हैं। सवाल उठ रहा है कि रुद्रपुर के अस्पतालों के बिल भुगतान को काशीपुर ट्रेजरी में दिए जाने की व्यवस्था क्यों की गई है, जबकि ट्रेजरी रुद्रपुर में भी है।
मामले की जांच शुरू हो गई थी। शिकायतकर्ता से उनका पक्ष लेने व ईसीआई निदेशालय से जांच से जुड़े दस्तावेज न मिलने से जांच शुरू नहीं हो पाई थी। श्रम विभाग को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है।
बंशीधर तिवारी, अपर सचिव व जांच अधिकारी
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