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रुद्रपुर (संवाददाता)। उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कलक्ट्रेट सभागार में जनपद की धान खरीद की गहन समीक्षा के दौरान यूसीएफ (उत्तराखण्ड कोआपरेटिव फैडरशन), सहकारिता एवं आरएफसी विभाग के आला अधिकारियों को दो टूक में चेतावनी दी कि काश्तकारों को 20 दिन के भीतर उनकी धान उपज का भुगतान हो जाना चाहिए। उन्होंने किसानों के धान के भुगतान में हो देरी पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह आपसी समन्वय बनाकर बेहतर तरीके से तत्परता से कार्य करें। बैठक दौरान डा. रावत ने धान खरीद में हो रही देरी के कारणों के लिये यूसीएफ के एमडी को पत्र लिखने के निर्देश यूसीएफ के अधिकारी को दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लिए संकल्पित है तथा किसानों के आर्थिक उन्नयन के लिए सस्ते दरों पर ऋण दे रही है इसलिए किसानों के भुगतान के मामलों को हल्के तरीके से अधिकारी न लें। डा. रावत ने निर्देश दिए कि वह 21 नवम्बर को देहरादून में सायं चार बजे से धान के भुगतान की समीक्षा के लिए शासन में संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक लेंगे जिसमें मण्डी निदेशक सहित नोडल अधिकारी धान खरीदध् अपर जिलाधिकारी जगदीश चन्द्र काण्डपाल, एआर सहकारिता, आरएफसी आदि अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने साफ कहा कि इस समीक्षा बैठक में धान भुगतान में हो रहे विलम्ब में जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग की कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाए जाने के लिए आगामी 06 माह के भीतर ऑन लाइन कार्यप्रणाली संचालित की जाएगी। डा. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में इफको खाद के साथ ही कृभकों खाद भी किसानों को उपलब्ध कराई जाए। जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल ने डा. रावत को जनपद में धान खरीद की प्रगति एवं आ रही कठिनाइयों के बावत अवगत कराया। उन्होंने कार्यो की पारदर्शिता के लिए मण्डियों एवं आरएफसी के धान क्रय केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने तथा आगामी वर्ष के लिए धान खरीद की सरलीकरण कार्यप्रणाली बनाए जाने की बात भी कही । बैठक में जीएम मण्डी बीएस चलाल, एडीएम जगदीश चन्द्र काण्डपाल, एआर सहकारिता मान सिंह सैनी, डिप्टी रजिस्ट्रार एमपी त्रिपाठी, आरओ एचएन ओझा आदि मौजूद थे।