ऋषिकेश, 5 अप्रैल
डीएस सुरियाल
पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश तथा उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, यूकास्ट के तत्वाधान में बीएमएलटी विभाग में आज जल संरक्षण पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार का शुभारंभ पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के पूर्व प्रमुख भू-विज्ञान विभाग डॉ अरुण दीप अहलूवालिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर गुलशन कुमार ढींगरा ने डॉ अरुणदीप अहलूवालिया का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया। तथा भू विज्ञान के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। इस मौके पर डॉ अरुणदीप अहलूवालिया ने जल संरक्षण के अंतर्गत पर्यावरण को बचाने की अपील करते के साथ ही जल संरक्षण के मूल बिंदुओं पर चर्चा की तथा जल संरक्षण की दिशा में भी व्यापक जागरूकता लाने की बात कही।
कहा कि जल के बिना जीवन का कोई अर्थ ही नहीं है। कहा कि बड़े-बड़े पेड़ों को काटकर हरे भरे लॉन बनाने को विकास नहीं कहते उसे विनाश कहते हैं। कहा कि हमें पर्यावरण को लेकर सतर्कता तथा उसकी रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा और इस धरती को सुरक्षित बनाना होगा ।
इस अवसर पर श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एनके जोशी ने कहा गया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं में पर्यावरण को सुरक्षित तथा संरक्षित रखने की प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर परिसर निदेशक प्रो महावीर सिंह रावत व प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने प्रो अरुणदीप अहलूवालिया को शॉल ओढाकर और गंगाजली भेंटकर सम्मानित किया। इस मौके पर हर्षिका सहगल, मनोज पंत, गणित विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो अनीता तोमर, वनस्पति विभाग के प्रो वीडी पांडे, डॉ शालिनी रावत, डॉ एसके कुड़ियाल, हिंदी विभाग के प्रो अधीर कुमार, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ बिंदु देवी, वनस्पति विज्ञान विभाग से डॉ प्रीति खंडूरी
एमएलटी विभाग की शालिनी कोटियाल, अर्जुन पालीवाल, निशांत भाटला, एमएलटी विभाग की प्रवक्ता सफिया हसन आदि मौजूद थे।