Breaking News

नए साल की शुभ बेला में मानव को याद दिलाना है

earth earth

gaur

B. of Journalism
M.A, English & Hindi
सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला द्वारा रचित- 
Virendra Dev Gaur Chief Editor (NWN)

धरती को हमें बचाना है

जीकर जो हो नहीं पाता
वह मरकर हो जाता है
परहित में मिट जाता है जो
उसी को जीना आता है,
अपने हित की चिंता में
जीवन जिसका खप जाता है
मरना तो उसी का बन्धु
मर जाना कहलाता है।
धरती के अन्दर
आग और पानी का जो नाता है
वही जीवन और मौत का आधार बन जाता है
दौड़ रही है धरती माता
रुके बिना उन राहों में
जीवों का संसार रचाना भरा है उसकी चाहों में।
थकती नहीं दौड़-दौड़ कर धरती
परहित में आराम कहाँ
भरसक कोशिश में जुटी है धरती
रोने-धोने का समय कहाँ
मानव का स्वार्थ चरम पर
जा पहुँचा है उस जगह जहाँ
संभव नहीं लगता लौटना
पगलाए मानव का कोई धरम कहाँ।
नए साल की शुभ बेला में
मानव को याद दिलाना है
धरती के बच्चे हैं हम सब
सभ्यता का नया राग हमें गुनगुनाना है
गोला बारूद अस्त्र-शस्त्र और धमाकों का
खूनी काला इतिहास मिटाना है
ज्ञान-विज्ञान की पाठशाला में
शांति और सुव्यवस्था का अनदेखा दौर अब लाना है
हिंसा और बर्बरता से कुदरत को झुलसने से बचाना है
एक धरती और एक विश्व परिवार का मूल-मंत्र आचरण में लाना है।
छली प्रपंची मक्कारों की कारागार से
राजनीति को छुड़ाना है
राजनीति का असली चेहरा
दुनिया को दिखाना है
धरती के स्वर्ग लायक आँगन में
शांति का युग लाना है
धरती को हमें बचाना है।
     -जय भारत

Check Also

Betandyou APK İndir Guvenli Yontemler

Betandyou APK İndir Guvenli Yontemler

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *