-कोरोना वायरस का प्रकोप
नई दिल्ली । युद्ध के वक्त जब एक योद्धा दूसरे योद्धा की मदद करता है तो दुश्मन से लडऩे की तैयारी और ज्यादा पुख्ता होती है। कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर ऐसे ही लड़ाई जंग के मैदान में तैनात होने वाले योद्धा अस्पताल के योद्धाओं की मदद कर लड़ रहे हैं। बेंगलुरु में रीजनल सीआरपीएफ फैमिली वेलफेयर एसोसिएशन वहां के अस्पताल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज के डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पिछले 10 दिनों से पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट और मास्क बना रहा है। इसके अलावा ये लोग अस्पताल को अन्य जरूरत का भी सामान मुहैया करवा रहे हैं।
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर बेंगलुरु में पिछले दस दिनों से सीआरपीएफ दर्जियों और सीआरपीएफ कर्मियों के परिजनों की टीम लगातार इसी तरीके से काम कर रही है। 15 से 20 लोगों की यह टीम रोजाना करीब 20 पर्सनल प्रोटक्शन इक्विपमेंट ड्रेस तैयार और 40 मास्क तैयार करती है। फिर इन्हें ले जाया जाता है बेंगलुरु के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज अस्पताल में इस किट और मास्क का इस्तेमाल उस अस्पताल के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी करते हैं इसके अलावा बंगलुरू के अन्य अस्पतालों को भी उपलब्धता के हिसाब से यह अस्पताल ये किट सप्लाई करता है। इस पूरी प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना वायरस खतरे के मद्देनजर सारे एहतियात बरते जाते हैं।
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