-‘प्रशासन तुंहर दुआर’ (प्रशासन आपके द्वार)
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छत्तीसगढ़ (सूरजपुर) । भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को जनसेवा का पाठ पढ़ाया जाता है। जनता ही सबकुछ है, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा व उनकी सहूलियत को प्राथमिकता देने की बात समझाई जाती है, लेकिन कई बार अधिकारी यह सबक भूल जाते हैं। हालांकि कुछ अपवाद भी होते हैं, जो बाकी अधिकारियों के लिए उदाहरण पेश करते हैं। इसी कड़ी में नाम लिया जा सकता है छत्तीसगढ़ में सूरजपुर के जिला कलेक्टर डा. गौरव कुमार सिंह का। गौरव की अगुआई में सूरजपुर की जनता की भलाई के लिए प्रशासनिक अमला बस में सवार होकर गांव-गांव पहुंच रहा है। उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के गौरव ने बीटेक करने के बाद आइआइटी, दिल्ली से पीएचडी की है। 2013 बैच के आइएएस अफसर डा. गौरव ने हिंदी माध्यम से परीक्षा दी थी। हिंदी साहित्य उनका विषय था और वह इसमें ऑल इंडिया टापर थे।
सूरजपुर जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की मांग व समस्याओं के निराकरण के लिए यह अनूठी पहल की गई है। खास बात यह है कि अपनी सरकारी गाड़ी से आरामदायक सफर करने के बजाय जिला कलेक्टर भी साथ अधिकरियों व कर्मचारियों के साथ बस में ही सवार होते हैं। और लोगों के द्वार तक पहुंचते हैं। इस बस को जनसंवाद वाहन नाम दिया गया है।
हर शनिवार प्रवास पर रहती है टीमः सूरजपुर प्रशासन की टीम हर शनिवार को प्रवास पर रहती है। कलेक्टर का मानना है कि ग्रामीणों को लगना चाहिए कि प्रशासन उनके साथ है। लिहाजा मुहिम का नाम ‘प्रशासन तुंहर दुआर’ (प्रशासन आपके द्वार) रखा गया है। डा. गौरव सिंह ने बताया कि जिले के सभी पंचायत भवनों में प्रशासन द्वारा मांग, समस्या व शिकायतों के निराकरण के लिए चार मोबाइल नंबर भी अंकित कराए गए हैं, ताकि ग्रामीणों को सुविधा हो। अब कलेक्टर के साथ जिला अधिकारियों ने गांव के छात्रावास में रात्रि विश्राम भी आरंभ किया है, ताकि अगले दिन नजदीक के गांवों में ग्रामीणों के बीच बैठकर उनकी भी मांगों, समस्याओं को दूर किया जा सके। बीते दिनों प्रशासन की टीम खजुरी, नवापाराकला, महेशपुर, हरिहरपुर, केदारपुर, दुर्गापुर पहुंची और चौपाल में शासकीय योजनाओं की जानकारी देकर ग्रामीणों की समस्याओं का निकराकरण किया।
ऐसे करते हैं आमजन का समाधानः ग्राम पंचायत हरिहरपुर में सविता व बसंती ने आवेदन दिया कि राशन कार्ड नहीं है। मौके पर ही समीक्षा हुई। सूची में नाम था। तत्काल राशन कार्ड दिया गया। खाद्य अधिकारी के साथ टीम को जिम्मेदारी दी गई कि गांव में राशन कार्ड की समस्या दूर करें। इसी तरह महेशपुर के मंगरुराम, सुधन, कुंजबिहारी ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। कलेक्टर ने उनके आधार कार्ड का अवलोकन करते हुए तत्काल पेंशन की स्वीकृति दी।
एक जिला, दो कलेक्टर, दो रूप: छत्तीसगढ़ का सूरजपुर जिला वही है जहां के कलेक्टर ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दवाई लेने निकले एक युवक की बीच चौराहा पर पिटाई की थी और मोबाइल भी तोड़ा था। तत्कालीन कलेक्टर रणबीर शर्मा का वीडियो वायरल होने व चौतरफा आलोचन के बाद शासन ने उनका तबादला कर डा. गौरव कुमार सिंह को जिले की कमान दी थी। अब वह लोगों के दिलों को जीत रहे हैं।