देहरादून (सू0वि0)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हाल में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में राज्य में सामाजिक दृष्टि से कमजोर व निराश्रित एकल महिलाओं के लिये “पं० दीन दयाल उपाध्याय सामाजिक सुरक्षा कोष एकल महिला ऋण योजना” के तहत एक लाख तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर दिये जाने की योजना का शुभारम्भ किया। इस योजना का उद्देश्य गांवों में ही रोजगार सृजन कर महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ करते हुये उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। राज्य सरकार द्वारा अकेली महिलाओं के लिये यह सौगात दी है। पशुपालन व मत्स्य पालन को भी इसमें सम्मिलित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर एकल महिलाओं के लिये सखी ई-रिक्शा योजना के तहत 07 महिलाओं को ई-रिक्शा की चाबी व सेफ्टी किट प्रदान की।
उन्होंने ई-रिक्शा में बैठकर इसके संचालन की भी शुरूआत की। इसके लिये 50 हजार प्रति ई-रिक्शा अनुदान दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कैलेण्डर तथा विभिन्न प्रचार सामग्री का भी विमोचन किया तथा महिलाओं को सेफ्टी नैपकिन किट भी वितरित किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाईल तथा सुपर वाईजर को टेबलेट उपलब्ध कराये जायेंगे ताकि उन्हें अपने कार्यों के सम्पादन में आसानी हो सके। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने महिलाओं से अपना उत्साह एवं आत्म विश्वास हर समय बनाये रखने को कहा। उन्होंने कहा कि धरती को हम मां कहते हैं धरती की भांति महिलाओं में भी धारण करने की क्षमता है। विश्व के 195 देशों में अकेला हमारा ही देश है जहां भारत माता कहा जाता है इस प्रकार मां को सम्मान देने की हमारी पुरातन परम्परा रही है। उन्होंने महिलाओं से स्वावलम्बी बनने की भी अपेक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महिलायें हर क्षेत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रही है। विश्व के देशों में जहां वर्तमान में 07 प्रतिशत महिला कमर्शियल पायलेट है, वहीं भारत में यह 12 प्रतिशत है, हमारी रक्षामंत्री, विदेश मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष महिला है। प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों में भी महिला अधिकारी बेहतर क्षमता का प्रदर्शन कर रही है। प्रदेश में 03 डीएम, 04एसएसपी, 05 सीएमओ के अलावा अन्य महिला अधिकारी कार्यरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस में महिलाओं की भागीदारी 11 प्रतिशत है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसका प्रतिशत 07 ही है। महिलाओं में क्षमतायें जन्मजात होती है, महिलाओं में दोहरी जिम्मेदारी होते हुए भी धरती की तरह सबकुछ बर्दाश्त करने की ताकत है। इस ताकत को हमें पहचानना होगा। मजबूत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि कुपोषण के विरूद्ध भी हमने अभियान चलाया हुआ है। यदि मां स्वस्थ रहेगी तो बच्चे का लालन पालन स्वस्थ ढंग से हो सकेगा। इस पर 350 करोड़ की धनराशि व्यय की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत की कल्पना तभी साकार होगी जब माताओं के स्वास्थ्य के प्रति विशेष ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश में 293 एएनएम को नियुक्ति पत्र जारी किये गये है। 380 वेकेंसी निकाली गई है। 481 डाॅक्टरों की नियुक्ति की गई है। जिसमें 193 महिलायें है उसमें भी 159 उत्तराखंड की है। 2100 एएनएम तथा 12 हजार आशा वर्करों का 02 लाख का बीमा का लाभ दिये जाने का
निर्णय लिया गया है। प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों को वर्ष 2012-13 से रूकी हुई वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि हेतु 33 करोड़ रूपये जारी कर दिये गये हैं। 108 योजना के तहत 61 एम्बुलेंस वाहन दी गई है। शीघ्र 111 और एम्बुलेंस वाहन उपलब्ध कराये जायेंगे। हर जिले में I.C.U. स्थापित किये जा रहे है। प्रति ICU पर दो करोड़ व्यय होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2011 में 0-06 का आयु लिंगानुपात प्रति 1000 के विपरीत 890 था। आज प्रदेश का लिंगानुपात 934 हो गया है। उन्होंने कहा कि आज की बेटी कल की महिला बनेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का देश से सभी जनपदों में लागू करने के लिये आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ‘उज्ज्वला योजना’ के तहत निःशुल्क गैस कनेक्शन से लाभान्वित होने वाली महिलाओं का लक्ष्य 05 करोड़ से 08 करोड़ किया गया है। अबतक 3.50 करोड़ महिलाओं को देश में धुएं से मुक्ति मिल गई है। तथा मुद्रा योजना के तहत 7.88 करोड़ महिलाओं को ऋण दिया गया है। तथा स्टार्टअप योजना में 625 करोड़ का ऋण भी महिलाओं को दिया गया है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अपील भी की कि वे सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण के लिये संचालित विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर उनका अधिक से अधिक उपयोग कर आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत बनें।