नागरिकता संशोधन एक्ट किसी की नागरिकता छीनने का नहीं, बल्कि देने का हैं जो मुसलमान भारत के निवासी हैं उनके लिए कानून नहीं है: पूनम ममगांई
देहरादून। नागरिकता संशोधन एक्ट (सी0ए0ए) पर डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर मण्डल, देहरादून की एक दिवसीय कार्यशाला सॉई गेस्ट हाउस, जी0एव0एस रोड पर पर आहूत की गई, जिसमे समस्त वार्ड अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष, प्रदेष व जिला पदाधिकारी, पार्षद व पार्शद प्रत्याशी एंव पार्टी के सक्रिय सदस्यों ने भाग लिया।
एक दिवसीय कार्यषाला का शुभारम्भ धर्मपुर विधानसभा के माननीय विधायक श्री विनोद चमाली, प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी एवं मण्डल प्रभारी श्रीमती विनोद उनियाल एवं मण्डल अध्यक्ष श्रीमती पूनम ममगांई द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
कार्यशाला के शुभारम्भ में विधायक श्री विनोद चमोली ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सी0ए0ए0 के बारे में लोगों को विपक्षी दलों के छलावे से जनता को गुमराह होने से बचाना है। उन्होंने कहा कि पार्टी का हर एक कार्यकर्ता बूथ स्तर पर सी0ए0ए के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलायेगा।
पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए सी0ए0ए की मण्डल प्रभारी एवं प्रदेष उपाध्यक्ष श्रीमती विनोद उनियाल ने बताया सी0ए0ए किसी भी धर्म के किसी भी भारतीय को इससे कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है बल्कि यह अधिनियम उन लोगों के लिए है जो वर्शों तक प्रताड़ना सहने के बाद भारत में षरण ले चुके है और भारत के अलावा अन्य कोइ देश इनको अपना नहीं सकता है।
इसके उपरान्त डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मण्डल अध्यक्ष श्रीमती पूनम ममगंाई ने बताया कि नागरिकता संशोधन एक्ट। पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेष के ऐसे अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए है, जिन्हे धार्मिक आधार पर उत्पीड़न झेलना पड़ा, ये वे शरणार्थी हैं, जिनके लिए दुनिया में कोई और देश नहीं हैं। जिसे वह अपना घर कह सकें।
श्रीमती पूनम ममगांई ने कहा कि जो मुसलमान भारत के निवासी है, उनके लिए यह कानून नहीं है, यह कानून किसी की नागरिकता छीनने का नहीं, बल्कि देने का हैं। यह विपक्ष का प्रोपोगेंडा है जो लोगों को अकारण बहकाने की कोशिश कर रही है। मण्डल अध्यक्ष श्रीमती पूनम ममगांई ने कहा कि विपक्ष संविधान के अनुच्छेद 14 में दिये गये बराबरी के नियम को गलत से पेष किया जा रहा है। विदेशी लोगों को अनुच्छेद 20 और 21 के तहत जीवन का अधिकार जरूर हासिल है लेकिन उन्हें अन्य कानूनों में बराबरी का अधिकार नहीं है। इस कार्यशाला में श्री उमेश वालिया, श्री अनुज वालिया, श्री संजीव सोम, श्री अजय गुप्ता, श्री रोहित कुमार, श्रीमती जयक्षी सजवाण, श्रीमती तुलसी सोम, श्री बादरसिंह, श्री लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल एवं प्रमोद रोहिला सहित कई वशिष्ट पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।