ऋषिकेश, 25 मार्च
डीएस सुरियाल
मेयर साहब आप मेहनती एवं जुझारू हैं। आपसे एक नम्र निवेदन है कि पिछले कई सालों से यह बेज़ुबान (आवारा व निराश्रित पशु) दर-दर भटक कर अपना जीवन कष्ट में जी रहे हैं। इन बेजुबानों को आपके निगम क्षेत्र में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जिनके लिए स्थाई समाधान के लिए एक आशियाना की जरूरत है। भले ही यह वोट नहीं दे पाएं लेकिन इनकी दुआ जल्दी लग जाती है। ऐसा मैं नहीं बल्कि समाज के कई विद्वानों एवं बुद्धिजीवियों का कहना है। आपके निगम में इस के लिए शायद एक विभाग है।
जहां ऐसे महाशय विराजमान है जो इस समस्या को सुनकर अनदेखा कर यह कह देते हैं कि निगम के पास इनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कूड़े का ढेर तो शहर के लिए परेशानी और मौत का सबब बना ही है, लेकिन यह बेज़ुबान खुद भी परेशानी में हैं और मानव जीवन को भी प्रभावित कर रहे हैं। मेयर साहब मैं पिछले कई वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रहा हूं। यह समस्या मेरे अकेले की नहीं बल्कि पूरी जनता की है। स्थानीय लोगों की यह समस्या मुझ तक पहुंची तो मेरा फर्ज बना की आप तक इसको डिजिटल माध्यम से पहुंचा दूं। क्योंकि ऐसी समस्या के कई पत्र और ज्ञापन निगम की किसी कोने में रखी आलमारी में धूल फांक रहे होंगे।
शायद वह भी अब न मिले, क्योंकि निगम का कायाकल्प किया जा रहा है। जो कि एक सराहनीय प्रयास है। इसलिए वह ज्ञापन पत्र अब शायद आलमारी में भी न हों। आवाज़ उठाना, उग्र रूप से कहना मेरी आदतों में नहीं है। क्योंकि मैं झूठे मुकदमों से डरता हूं। जो कि ऋषिकेश में एक रिवाज़ बन चुका हैं। मेरा आपसे विशेष निवेदन हैं कि आप इस शहर के सिरमोर हैं और ऋषिकेश की जनता का आपके प्रति अटूट विश्वास है। इसलिए इस समस्या का निराकरण शीघ्र करने की कृपा करें। क्योंकि मैने सुना है कि जिसका न्यायाधीश ईश्वर होता है वह हर मुकदमा जीत कर आता है। और इन बेजुबानों का न्यायाधीश ईश्वर है। इस पवित्र नगरी, धर्म नगरी, ऋषिनगरी, गंगा घाटी, चारधाम के प्रवेश द्वार, आध्यात्मिक नगरी, योग नगरी, आयुर्वेद की नगरी ऋषिकेश में इन बेजुबानों की समस्या का हल निकालें। यही उम्मीद आपसे शहर की जनता करती है। स्ट्रीट लाइटें भी लग जाएंगी। रास्ते भी सही हो जायेंगे। हर समस्या का हल हो जायेगा। क्योंकि आप और आपकी टीम कर्मठ एवं जुझारू हैं। शक्ति का प्रदर्शन चुनाव में ही नहीं बल्कि यह टीम धरातल पर काम करके दिखा रही है, तो फिर देर किस बात की है, आप इन बेजुबानों को निराशा से आशा की ओर ले जाने का काय करें।