अक्सर लोग कहते है कि खाकी का फर्ज निभाने वाले भावनाओं को तवज्जो नही देते। अरे जनाब! खाकी में भी फरिश्ते मिलते है, यह अल्फ़ाज़ शायद आज इन दो बुज़ुर्ग पति-पत्नी के मुँह से भी निकल रहा होगा।

अर्जुन सिंह भंडारी
देहरादून शहर की मित्र पुलिस की यह कुछ तस्वीरें सामने आयी है जिसमे यह दरोगा बाबू कोरोना वायरस के चलते राज्य भर में चालू लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी का फर्ज निभाते हुए इंसानियत का धर्म भी निभा रहे है और दो वृद्धों को भूखा देख भोजन परोस रहे है। दरोगा द्वारा उनको भोजन दिए जाने पर दोनो द्वारा दरोगा का आभार प्रकट किया गया। दरोगा की इस एक कोशिश ने देहरादून पुलिस की मुश्किल हालात में हर संभव मदद की कोशिश को सफल बनते हुए दिखाने में पूर्ण सहयोग दिया है। इन तस्वीरों को देख के यह कहना गलत नही होगा कि पुलिस फर्ज की खातिर इंसान पर सख्त बन सकती है तो जरूरत आने पर इंसान को खाना भी खिला सकती है।उत्तराखंड पुलिस को ऐसे ही मित्र पुलिस नही कहा जाता,उत्तराखंड पुलिस का हर जवान मित्रता निभाने में तत्पर रहता है जिसे हम सभी हमेशा से देखते आये है। शहर में लागू लॉकडाउन में देहरादून के हर क्षेत्र में पुलिस द्वारा 24घंटों आम नागरिकों की सुरक्षा में लगी है साथ ही उनके द्वारा आम जनता को जरूरत के समय घरों में राशन पहुँचाने के साथ साथ जरूरतमंदों को दवाईयां भी पहुँचायी जा रही है।-
– जय हिन्द। जय भारत।
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