1. ड्रैगनिस्तान की कमजोर नस पर लात मारनी होगी
ड्रैगनिस्तान की औकात नहीं
वह भारत पर हमला कर दे
वह जानता है दिल्ली में मोदी जी बैठे हैं
जो सोते हुए भी जागते हैं
जागते हुए भी भागते हैं समय के साथ-साथ।
हाँ, इतना जरूर है
वह मवालीपना से बाज नहीं आएगा
गुन्डों जैसी हरकतों से पीछे नहीं हटेगा
वह एक डरपोक देश है
कम्यूनिस्ट उग्रवादी होता है पराक्रमी नहीं
वह छिछोरेपन से भरा होता है गम्भीरता से नहीं
एक पार्टी की तानाशाही दुनिया के हक़ में नहीं
यह एक देश का मामला नहीं दुनिया का मामला है
दुनियाभर के लोकतंत्रों को अब सोचना होगा
ड्रैगनिस्तान जैसे तानाशाही मुल्क को सभ्य करना होगा
रूस को इस मुल्क से दूर करना होगा
ड्रैगनिस्तान भारत से डरता है
इसीलिए वह ऐसी नीच हरकतें सीमा पर करता है
इस मुल्क को लद्दाख और अरुणांचल प्रदेश से दूर करना होगा
इसलिए जिहादिस्तान के कब्जाए पूरे कश्मीर को वापस लेना होगा
ऐसा होते ही ड्रैगनिस्तान पस्त हो जाएगा
जिहादिस्तान टुकड़े-टुकड़े होकर अस्त हो जाएगा
भारत के अंदर जोर मार रहा टुकड़े-टुकड़े गैंग ध्वस्त हो जाएगा
डल झील वाले कश्मीर में पल रहा जिहाद नष्ट हो जाएगा।
2.बलिदानी घराने
कम से कम बलिदान जैसे महान
शब्द का अर्थ तो समझो
इस अर्थ का अनर्थ करने वालो
इस कुकर्म का दर्द तो समझो
केवल गुजरे बहत्तर बरसों के अन्दर
हमारी तीनों सेनाओं के कितने अनगिनत वीरों ने
अपने शीश न्योछावर कर दिए
चरणों में माँ भारती के
हो गए विदा हमसे लड़ते-लड़ते दुश्मनों से
क्या जानते हो इन बलिदानी परिवारों को तुम
जो चुपचाप इतिहास बन बए देश की आन के लिए।
सीमाओं पर डटे
बिना थके अड़े
रात-दिन निगरानी कर रहे
सैनिकों और अफसरों की तपस्या का अहसास है तुम्हें
क्या तुम नहीं जानना चाहते
ये देश के रक्षक अपना बलिदान करने को रहते हैं पल-पल तैयार
देश के लिए न्योछावर होने को तैयार रहते हैं इनके परिवार
देश की रक्षा के सबसे बड़े यज्ञ में बलिदान हो चुके हैं हजारों-हजार
ये तमाम महान परिवार नहीं हैं क्या बलिदानी परिवार
देश की सीमा पर चौकस खड़ा जवान नहीं है क्या हमारा परिवार
क्या पूरा देश नहीं है एक बड़ा परिवार।
केवल दिल्ली का एक परिवार
नहीं है बलिदानी परिवार
देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए
समर्पित हर एक परिवार है
देश का बलिदानी परिवार।
देश के स्वार्थी और खुद के कल्याण में जुटे लोगो
हर वह आदमी
जो मेहनत की खाता है
ईमानदारी का जीवन जीता है
देश को अपनी माता मानता है
वह बलिदानी है
जो हर पल देश के लिए बलिदान होता है
उसका जीना भी बलिदान है
मरना भी बलिदान होता है
ऐसे लोगों से ही देश की रीढ़ जिन्दा है
ऐसे ही बलिदानियों से कोई देश महान बनता है।
-सावित्री पुत्र वीर झुग्गीवाला, स्वतंत्र पत्रकार, देहरादून।